मुश्किल दौर में भी, हम केवल सपने नहीं देखते, बल्कि काम भी करके दिखाते हैं: हैरिस | Even in difficult times, we show not only dreams, but also by work: Harris

मुश्किल दौर में भी, हम केवल सपने नहीं देखते, बल्कि काम भी करके दिखाते हैं: हैरिस

मुश्किल दौर में भी, हम केवल सपने नहीं देखते, बल्कि काम भी करके दिखाते हैं: हैरिस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : January 21, 2021/10:39 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 21 जनवरी (भाषा) अमेरिका की उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बादकमला देवी हैरिस ने पहली बार देश को संबोधित करते हुए ‘‘अमेरिकी आकांक्षाओं’’ को रेखांकित किया।

हैरिस ने इस बात पर जोर दिया कि देश के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकियों से संकट से उबरने और एकजुट होने के प्रयास करने की अपील की है।

भारतीय मूल की हैरिस ने ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बुधवार को अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हैरिस (56) इस पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत एवं पहली एशियाई अमेरिकी भी हैं।

हैरिस ने लिंकन मेमोरियल के बाहर कहा, ‘‘कई मायनों में यह क्षण एक देश के रूप में हमारे चरित्र को दर्शाता है। यह दिखाता है कि मुश्किल समय में भी हम कौन हैं। हम केवल सपने ही नहीं देखते, उन्हें साकार भी करते हैं। हम केवल यह नहीं देखते कि क्या हो रहा है, हम यह भी देखते हैं कि क्या हो सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम चांद पर जाते हैं और वहां अपना ध्वज फहराते हैं। हम बहादुर, निडर और महत्वाकांक्षी हैं। हम अपने इस भरोसे को लेकर अडिग हैं कि हम चुनौतियों से पार पाएंगे और उठ खड़े होंगे। यह अमेरिकी आकांक्षा है।’’

उन्होंने असैन्य युद्ध के दौरान पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम लिंकन की उपलब्धियों का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने ‘‘बेहतर भविष्य देखा और बड़े कॉलेजों एवं अंतरमहाद्वीपीय रेलमार्गों’’ के साथ इसका निर्माण किया।

हैरिस ने इस बात का भी जिक्र किया कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किस प्रकार नस्ली एवं आर्थिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी।

हैरिस ने कहा, ‘‘आम नागरिकों के अधिकारों के आंदोलन के बीच डॉ. किंग ने नस्ली न्याय एवं आर्थिक न्याय के लिए संघर्ष किया। अमेरिकी आकांक्षाओं ने समान अधिकारों की मांग करने के लिए इस देश की महिलाओं को प्रेरित किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बड़े प्रयोग के लिए दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। इसके लिए काम करने और उसके बाद उसमें सुधार करते रहने की आवश्यकता है। अमेरिका में आज इसी दृढ़ संकल्प के साथ काम किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह दृढ़ संकल्प भविष्य को बदल रहे वैज्ञानिकों में दिखता है। मुझे यह उन अभिभावकों में दिखता है, जो आगामी पीढ़ियों का लालन-पालन कर रहे हैं, मुझे यह उन नवोन्मेषकों, उन शिक्षकों में दिखता है, जो अपने, अपने परिवार और अपने समुदायों के लिए बेहतर जीवन बना रहे हैं।’’

हैरिस ने कहा, ‘‘यह भी अमेरिकी आकांक्षा है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमसे इसे अपनाने की अपील की है। उन्होंने संकट से परे देखने का साहस करने, मुश्किल काम करने, अच्छा काम करने, खुद पर भरोसा करने, हमारे देश पर भरोसा करने, हम मिलकर जो काम कर सकते हैं, उस पर भरोसा करने की अपील की है।’’

बाइडन ने अपने संबोधन में कहा कि देश इस समय मुश्किल चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि देश उनसे पार पा सकता है।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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