भारत-कनाडा के लिए खुली वार्ता में शामिल होना और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना ‘अहम’: कनाडा-भारत फाउंडेशन |

भारत-कनाडा के लिए खुली वार्ता में शामिल होना और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना ‘अहम’: कनाडा-भारत फाउंडेशन

भारत-कनाडा के लिए खुली वार्ता में शामिल होना और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना ‘अहम’: कनाडा-भारत फाउंडेशन

:   Modified Date:  October 16, 2024 / 08:02 PM IST, Published Date : October 16, 2024/8:02 pm IST

ओटावा, 16 अक्टूबर (भाषा) भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद के बीच आंटारियो स्थित एक संगठन ने कहा है कि दोनों देशों के लिए खुली वार्ता में शामिल होना और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना ‘अहम’ है। संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना कनाडा की सुरक्षा, समृद्धि और वैश्विक स्थिति के लिए आवश्यक है।

‘कनाडा-भारत फाउंडेशन’ ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक बयान में कहा कि कनाडाई संगठन के रूप में वह कनाडा के राष्ट्रीय हितों को बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है, लेकिन वह कनाडा और भारत के बीच मजबूत और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भी समर्पित रहा है।

संगठन ने कहा, “राजनयिक तनाव के इस दौर में यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश खुली बातचीत करें और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करें। हमारा दृढ़ विश्वास है कि मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना कनाडा की सुरक्षा, समृद्धि और वैश्विक स्थिति के लिए आवश्यक है।’’

संगठन ने कहा कि वह चरमपंथी विचारधाराओं द्वारा उत्पन्न बढ़ते खतरे को भी पहचानता है जो ‘‘कनाडाई समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करते हैं और भारतीय-कनाडाई लोगों सहित हमारे विविध समुदायों की भलाई को खतरे में डालते हैं।’’

संगठन ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ सतर्क रहें जो न केवल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित करती हैं बल्कि शांति, सुरक्षा और समावेशिता को भी खतरे में डालती हैं जो कनाडा की पहचान के मूल में हैं।’’

संगठन ने कहा कि भारतीय-कनाडाई होने के नाते, ‘‘हम न्याय सुनिश्चित करने और कनाडाई लोगों को सच्चाई से पूरी तरह अवगत कराने के अपने प्रयासों में अपनी सरकार के साथ स्पष्ट रूप से खड़े हैं। कनाडाई समाज की स्थिरता और सद्भाव सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वास को फिर से स्थापित करने के लिए, यह आवश्यक है कि हिंसा, उग्रवाद और कनाडा की उदार आव्रजन प्रणाली के घोर दुरुपयोग से जुड़े मामलों को अधिक तत्परता और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाया जाए।’’

कनाड-भारत फाउंडेशन (सीआईएफ) की स्थापना 2007 में एक राष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, गैर-पक्षपाती, गैर-सरकारी संगठन के रूप में की गई थी जिसका उद्देश्य कनाडा और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, भारतीय-कनाडाई लोगों को उनके उद्यमशीलता और पेशेवर सफर के सभी क्षेत्रों में मदद करना है। इस संगठन का उद्देश्य दोनों देशों की बेहतर समझ के लिए कनाडा में ‘ब्रांड इंडिया’ और भारत में ‘ब्रांड कनाडा’ का निर्माण करना है ताकि सर्वांगीण संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके।

भारत और कनाडा के बीच संबंध उस समय और भी खराब हो गए जब कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय एजेंटों पर खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाकर ‘हत्या, जबरन वसूली और हिंसक कृत्यों’ में शामिल होने का आरोप लगाया और यहां तक ​​कि बिश्नोई गिरोह को कनाडा की धरती पर अनिर्दिष्ट आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया।

भारत ने कनाडा के अधिकारियों द्वारा भारतीय एजेंटों को कनाडा में आपराधिक गिरोहों से जोड़ने के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने यहां तक ​​कहा कि ओटावा का यह दावा कि उसने निज्जर मामले में नयी दिल्ली के साथ सबूत साझा किए हैं, बिल्कुल भी सच नहीं है।

भाषा संतोष प्रशांत

प्रशांत

 

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