जीवाश्म ईंधन पर चर्चा सीओपी30 के लिए महत्वपूर्ण: ब्राजील |

जीवाश्म ईंधन पर चर्चा सीओपी30 के लिए महत्वपूर्ण: ब्राजील

जीवाश्म ईंधन पर चर्चा सीओपी30 के लिए महत्वपूर्ण: ब्राजील

:   Modified Date:  November 26, 2024 / 09:25 PM IST, Published Date : November 26, 2024/9:25 pm IST

(गौरव सैनी)

बाकू/नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अगले वर्ष बेलेम में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में उनके देश को जोर इस बात पर होगा कि विश्व किस प्रकार जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से बच सकता है।

ब्राजील की जलवायु परिवर्तन मामलों की राष्ट्रीय सचिव एना टोनी ने पिछले सप्ताह बाकू में संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनके देश ने अन्य देशों को अगले वर्ष की शुरुआत तक अधिक महत्वाकांक्षी जलवायु योजनाएं प्रस्तुत करने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए एक कूटनीतिक प्रयास भी शुरू किया है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के रूप में जाना जाता है।

पेरिस समझौते के तहत, देशों को हर पांच साल में अद्यतन एनडीसी प्रस्तुत करना आवश्यक है। इन योजनाओं का उद्देश्य नवीनतम जलवायु विज्ञान के आधार पर मजबूत जलवायु प्रतिबद्धताओं को दर्शाना है।

टोनी ने कहा, ‘‘ब्राजील बाकू में इस बात पर चर्चा का प्रस्ताव लेकर आया था कि हम जीवाश्म ईंधन से कैसे दूर जा रहे हैं। हमारा मानना ​​है कि यह चर्चा महत्वपूर्ण और जरूरी है और हमें उम्मीद है कि सीओपी30 में भी इस पर बहस होगी।’’

सीओपी29 में, कुछ देशों ने पिछले वर्ष के सीओपी28 समझौते की पुनः पुष्टि करने का लक्ष्य रखा, जिसमें सभी देशों से जीवाश्म ईंधन से दूर जाने का आह्वान किया गया था। इस प्रस्ताव को हालांकि कड़े विरोध का सामना करना पड़ा और सीओपी29 के अंतिम दस्तावेजों में ‘‘जीवाश्म ईंधन’’ शब्द का उल्लेख तक नहीं किया गया।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ब्राजील, बेलेम में होने वाले जलवायु सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के एक प्रमुख कारण, जीवाश्म ईंधन के मुद्दे को किस प्रकार फिर से ध्यान में लाता है।

सीओपी29 के कमजोर परिणाम के एनडीसी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर टोनी ने कहा कि ब्राजील ने अन्य देशों को अधिक महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिये ‘‘एनडीसी कूटनीति’’ शुरू की है।

उन्होंने यह भी कहा कि सीओपी30 का उद्देश्य देशों को उनके जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी होगी।

टोनी ने कहा, ‘‘ब्राजील अपने खुद के एनडीसी के साथ बाकू आया था, जिसका लक्ष्य उत्सर्जन में 67 प्रतिशत की कमी (2005 के स्तर की तुलना में 2035 तक) लाना था। हम समझते हैं कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें किस तरह के समर्थन की आवश्यकता है। दुर्भाग्यवश हम बाकू से अपनी जरूरत के सभी संसाधन लेकर नहीं जा पाएंगे, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम उन तक पहुंचने के लिए एक रूपरेखा बना पाएंगे। मुझे उम्मीद है कि सीओपी30 में हम यह रूपरेखा तैयार कर पायेंगे।’’

भाषा

देवेंद्र प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)