इस्लामाबाद: कश्मीर के मुद्दे पर लगभग हर मोर्चे पर फेल पड़ोसी देश पाकिस्तान ने फिर नई चाल चली हैं। उन्होंने करतारपुर के बदले कश्मीर देने की बात कही हैं। इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तान ने भारत के भीतर कहिलसतानी मूवमेंट को भी प्रतोसहित करने का कुत्सित प्रयास किया हैं और दावा किया हैं कि भविष्य में खालिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा बन सकता हैं।
दरअसल इन दोनों अहम मामले पर अवैध प्रस्ताव रखने वाले कोई और नहीं बल्कि भारत में पाकिस्तान के पूर्व हाई कमिशनर अबदल बासित हैं। उन्होंने कहा हैं, ‘भारत में रहने वाले सिख अक्सर करतारपुर साहिब को वापस लेने की मांग करते हैं, लेकिन अब ये नहीं हो सकता। अगर भारत कश्मीर के बदले हमसे करतारपुर साहिब मांगे तो इस पर विचार किया जा सकता है। भारत में रहने वाले सिखों को अपना खालिस्तानी मूवमेंट जारी रखना चाहिए। जब उन्हें भारत से आजादी मिल जाएगी तो वे पाकिस्तान का हिस्सा बन सकते हैं।’
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कौन हैं बासित?
अब्दुल बासित एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी राजनयिक हैं, जिन्होंने भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया है। बासित भारत में तैनात रहे सबसे चर्चित राजयनिको में शामिल रहे हैं। उनके दौर में ही पुलवामा जैसे आतंकी घटनाओं को पाकिस्तान के इशारे पर अंजाम दिया गया। उन्हें 2014 में इस पद पर नियुक्त किया गया था और वे नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत थे। अब्दुल बासित इससे पहले मई 2012 से मार्च 2014 तक जर्मनी में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में कार्य किया। अपने करियर के दौरान, वे मॉस्को , न्यूयॉर्क , सना , जिनेवा और लंदन में तैनात रहे हैं।
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