नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 224 हुई |

नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 224 हुई

नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 224 हुई

:   Modified Date:  October 1, 2024 / 09:54 PM IST, Published Date : October 1, 2024/9:54 pm IST

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, एक अक्टूबर (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मंगलवार को कहा कि बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 224 हो गई और 24 लोग अब भी लापता हैं।

उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों से 4,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

पिछले शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ आई और जगह-जगह भूस्खलन हुआ, जिससे हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई।

हालांकि, रविवार से काठमांडू में मौसम में सुधार हुआ है, जिससे आपदा प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिली है।

ओली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्राकृतिक आपदा के दौरान सरकार ने अपनी पूरी क्षमता से काम किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने बाढ़ आपदा से प्रभावित 4,331 लोगों को बचाया है।

मुख्य सचिव एकनारायण आर्यल द्वारा मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन से अब तक कम से कम 224 लोगों की जान चली गई, 24 लापता हैं और 158 लोग घायल हुए हैं।

‘काठमांडू पोस्ट’ अखबार की खबर के मुताबिक, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बताया कि पिछले दो दिनों में विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से हेलीकॉप्टर की मदद से लगभग 900 लोगों को बचाया गया है, जिनमें विदेशी ट्रैकर भी शामिल हैं।

बृहस्पतिवार से शनिवार तक लगातार हुई बारिश ने पूरे नेपाल में तबाही मचा दी है।

काठमांडू घाटी में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां मरने वालों की संख्या 50 को पार कर गई है। बचाव कार्य में नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस सहित 20,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया भर में वर्षा की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है और बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक प्रमुख कारण पर्यावरण की स्थिति में बदलाव है जिसमें विशेष रूप से बाढ़ के मैदानों में गैर नियोजित निर्माण बड़ी वजह है। इसके चलते पानी के ठहराव और निकासी के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती।

बाढ़ और भूस्खलन की वजह से देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें बाधित हो गई हैं, सैकड़ों मकान और पुल ध्वस्त हो गए हैं या बह गए हैं तथा सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सड़क बाधित होने के कारण हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।

भाषा शफीक माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)