अमेरिका। Corona Virus Became Lifesaving: कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में अबतक लाखों लोगों की जान चली गई है। बीते दो सालों में कोरोना ने ऐसा दहशत फैलाया कि अभी तक इसके मामले आने रूके नहीं है। एक तरफ जहां कोविड को महामारी बताया गया वहीं एक 23 साल के युवक के लिए ये वायरस संजीवन बन कर आयी। ये सुनकर आप हैरान जरूर हो रहें होंगे कि भला कोरोना वायरस किसी के लिए संजीवनी कैसे बन बन सकती है..?
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Corona Virus Became Lifesaving: दरअसल, अमेरिका में 23 साल के एलिस्टेयर गिब्सन अमेरिकी फ़ुटबॉलर हैं और हाईलैंड स्टैग्स के कोच भी हैं। एलिस्टेयर गिब्सन महीनों पहले लगातार खांसी आने से पीड़ित थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते डॉक्टरों ने जब उसकी जांच की तो पता चला कि उसे हॉजकिन लिंफोमा है। जो चौथे चरण में था। एक रिपोर्ट के अनुसार, केमोथेरेपी के पहले दौर में गिब्सन को सेप्सिस हो गया था, लेकिन वे जानलेवा संक्रमण से लड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने बताया कि मैं शारीरिक रूप से ठीक महसूस कर रहा था। मैं ट्रेनिंग में था और अपना खेल खेल रहा था। उस दौरान मुझे सिर्फ खांसी की ही शिकायत थी। गिब्सन ने बताया कि मुझे कुछ महीनों से खांसी थी, लेकिन उस समय तक मैंने टेस्ट करवाया, लेकिन पॉजिटिव नहीं रहा। हालांकि लगातार हो रही खांसी की वजह से मुझे लगने लगा था कि कुछ तो गड़बड़ है।
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Corona Virus Became Lifesaving: वहीं फरवरी में एक कान, नाक और गले के विशेषज्ञ ने उसकी गर्दन में एक सूजे हुए लिम्फ नोड को हटाया तो बाद में पता चला कि गिब्सन को चौथे चरण का हॉजकिन लिंफोमा था। यह एक दुर्लभ और आक्रामक कैंसर है। अगले ही दिन, उन्होंने कीमोथेरेपी का अपना पहला लेवल शुरू किया, लेकिन सेप्सिस होने से चीजें बदल गईं। इस जानलेवा बीमारी से लड़ते हुए उसने आईसीयू में 10 दिन बिताए। गिब्सन ने कहा कि मेरे साथ जो भी हो रहा था वो मेरे लिए अच्छा था या बुरा, इसके बारे में सोचने के लिए भी मेरे पास वक्त नहीं था। इस दौरान मैं अपनी सामान्य चीजें करता रहा और फिर एक हफ्ते बाद बॉस को बताया कि मुझे कैंसर है।
Corona Virus Became Lifesaving: गिब्सन ने बताया कि जिस तरह से मेरी कीमोथेरेपी हुई, हर चरण के 10वें और 13वें दिन के बीच इम्यून सिस्टम और श्वेत रक्त कोशिकाएं शून्य हो गईं, इस तरह की अवस्था में अगर किसी को सर्दी या कोविड भी हो, तो भी वह गंभीर रूप से अस्वस्थ हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड की वजह से मेरी लाइफ बच सकी है। क्योंकि अगर मैं अगर कभी कोविड संक्रमित नहीं हुआ होता तो मुझे कभी पता ही नहीं चलता कि मुझे कैंसर है। कह सकते हैं कि कोविड के चलते मेरी जान बच गई।
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