अजरबैजान में जलवायु वार्ता ने दूसरे सप्ताह में किया प्रवेश, साथ ही रियो में जी20 की बैठक |

अजरबैजान में जलवायु वार्ता ने दूसरे सप्ताह में किया प्रवेश, साथ ही रियो में जी20 की बैठक

अजरबैजान में जलवायु वार्ता ने दूसरे सप्ताह में किया प्रवेश, साथ ही रियो में जी20 की बैठक

:   Modified Date:  November 18, 2024 / 05:10 PM IST, Published Date : November 18, 2024/5:10 pm IST

बाकू, 18 नवंबर (एपी) जलवायु परिवर्तन को रोकने और मुकाबला करने के लिए धन मुहैया कराने को लेकर अजरबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता सोमवार को दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गई। लेकिन पिछले सप्ताह की धीमी प्रगति से इस उम्मीद को धक्का लगा है कि वार्ताकार और मंत्री असहमतियों को दूर कर किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं।

दुनिया भर के जलवायु और पर्यावरण मंत्रियों के इस सप्ताह बाकू में सीओपी29 वार्ता के लिए आने से उम्मीद पैदा हुई है कि वे अपनी टीम को आगे के तौर तरीकों को लेकर निर्देश देंगे।

विश्व संसाधन संस्थान में वैश्विक जलवायु की अर्थशास्त्र एवं वित्त कार्यक्रम निदेशक मेलानी रॉबिन्सन ने कहा, ‘‘हम एक कठिन स्थिति में हैं। चर्चा अभी तक राजनीतिक स्तर पर नहीं पहुंची है। मुझे लगता है कि जब ऐसा होगा तो विभिन्न देशों के मंत्री समझौते पर पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’’

बाकू में हो रही वार्ता विकासशील देशों के लिए अधिक वित्त संसाधन जुटाने पर केंद्रित है, ताकि वे जीवाश्म ईंधन से दूर हो सकें, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बन सकें तथा विपरीत मौसम के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। लेकिन देशों के बीच इस बात को लेकर मतभेद है कि इसके लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी। कई विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए लगभग 1000 अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी।

‘यूनियन ऑफ कंसर्न्ड साइंटिस्ट्स’ की रेचेल क्लीटस ने कहा, ‘‘आज से पांच, 10 साल बाद 1000 अरब डॉलर उचित सौदा लगेगा।’’ उन्होंने स्पेन में बाढ़ से लेकर अमेरिका में तूफान हेलेन और मिल्टन तक हाल की कई अति नुकसानदायक मौसमी आपदाओं का हवाला दिया।

इस बीच, विश्व के सबसे बड़े निर्णयकर्ता देशों के एक अन्य प्रमुख शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए नेता दुनिया के दूसरे गोलार्ध में हैं। ब्राजील 18-19 नवंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस दौरान दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं एक मंच पर होंगी। जलवायु परिवर्तन, बढ़ते वैश्विक तनाव और गरीबी जैसे अन्य प्रमुख विषय सम्मेलन के एजेंडे में शामिल होंगे।

जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि पहल के वैश्विक सहभागिता निदेशक हरजीत सिंह ने कहा कि जी20 देश ‘‘अपने ऐतिहासिक उत्सर्जन की वास्तविकता और इसके साथ आने वाली जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें 1000 अरब अमेरिकी डॉलर की सार्वजनिक वित्तपोषण की प्रतिबद्धता जतानी होगी।’’

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के कार्यकारी सचिव साइमन स्टील ने शुक्रवार को एक लिखित बयान में कहा कि जी20 बैठक में ‘‘वैश्विक जलवायु संकट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’’

एपी धीरज शफीक

शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)