बीजिंग: Chinese Black Prison चीन अपनी तानाशाही के लिए दुनियाभर में फेमस है, यहां सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को ऐसी यातनाएं दी जाती है जिसकी आपक कल्पना भी नहीं कर सकते। वहीं, चीन महिलाओं के खिलाफ अतयाचार के मामलों में भी पीछे नहीं है। यहां महिलाओं को प्रताड़ित करने के लिए सीक्रेट जेल में रखा जाता है, जहां उन्हें न सिर्फ मारा पीटा जाता है बल्कि यहां तैनात गार्ड जब चाहे महिला कैदियों से अपनी हवस पूरी कर सकते हैं। वहीं, महिला कैदियों को सीक्रेट जेल में खाने के लिए किड़े मकोड़े दिए जाते हैं।
Chinese Black Prison द सन की रिपोर्ट के मुताबिक Peter Dahlin स्वीडन के रहने वाले हैं और एक मानवाधिकार संगठन Safeguard Defenders के निदेशक हैं। वे चीन (China) में मानवाधिकारों का मामला देखने के लिए बीजिंग गए थे। उस दौरान वे मानवाधिकारों के मुद्दे पर चीन के कई वकीलों के साथ मिलकर काम कर रहे थे। उसी दौरान उनकी पड़ताल से नाराज होकर चीन के पुलिसकर्मियों ने उन्हें अरेस्ट कर लिया और सीक्रेट जेल में ले गए। वहां पर उन्होंने महिलाओं और दूसरे कैदियों के साथ जो घोर अत्याचार देखा, उससे उनके रोंगटे खड़े हो गए। पीटर के अनुसार यह घटना करीब 6 साल पहले की है, जब बीजिंग में पुलिस अफसरों ने बीजिंग वाले फ्लैट में धावा बोलकर उन्हें और उनकी प्रेमिका को अरेस्ट कर लिया। पुलिस वालों ने उनके साथ मिलकर काम कर रहे चीन के वकीलों को भी अरेस्ट कर लिया था। साथ ही उन सबके फोन और लैपटॉप जब्त कर लिए गए थे। उन्हें एक कार में बांधकर सिर पर काला कपड़ा लपेट दिया गया, जिससे वे बाहर का नजारा न देख सकें।
इसके बाद वे उन्हें अरेस्ट करके ब्लैक जेल में ले गए। ये ब्लैक जेल (Chinese Black Prison) वे होती हैं, जिनमें बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के असंतुष्टों को कैद करके उन्हें टार्चर किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन (China) की इन रहस्यमय जेलों में कैदियों को पीटा जाता है और पहनने के लिए पूरे कपड़े नहीं दिए जाते, यहां तक कि भोजन भी बासी और कीड़े वाला दिया जाता है। इन जेलों में महिलाओं की स्थिति और भी खराब है। उन्हें कपड़ों के नीचे अंडरवियर नहीं पहनने दिया जाता और वहां तैनात गार्ड जब चाहे उनका शारीरिक शोषण करते हैं। जेल में लाने के बाद गार्डों ने Peter को 23 दिनों के लिए एकांत सेल में बंद कर दिया। यह एक अंधेरी सेल (Chinese Black Prison) थी, जिसमें रोशनी के लिए केवल एक छोटा सा सुराख था। वहां पर उस 2 गार्ड चुप रहकर 24 घंटे नजर रखते, उसे जानबूझकर सोने नहीं दिया जाता और धूप-रोशनी से भी वंचित रखा जाता। उसे एकांत सेल से बाहर केवल रात में निकाला जाता था, जब उससे 6 से 12 घंटे की लंबी पूछताछ चलती थी। इस दौरान उसका बार-बार लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाता और पूछा जाता कि उसके विचारों से सहमित रखने वाले बाकी लोग कौन हैं।
पीटर के मुताबिक, ‘मेरे दूतावास और परिवार को नहीं पता था कि मैं कहा पर था। किसी के पास मेरे बारे में कोई सुराग नहीं था।’ पीटर याद करता है। ब्लैक जेलों (Chinese Black Prison) की जिंदगी को RSDL के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है कि कोई ऐसी रेजिडेंशियल लोकेशन, जहां पर 24 घंटे निगरानी हो, डर का माहौल, बाहरी दुनिया से अलगाव हो और पूरी तरह बोरियत का माहौल हो। ऐसा करके जेल में बंद इंसान को मानसिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की जाती है। जेल में उन्हें आदेश दिया जाता खा कि वे 16 घंटे तक हिल-डुल नहीं सकते। इस आदेश के पालन की वजह से कई लोग चलने-फिरने में असमर्थ हो गए।
41 साल के पीटर की यह कहानी चीन (China) में कोई नहीं है। वहां पर उस जैसे हजारों लोग हैं, जो गुप्त तरीके से गायब करके जेलों में ठूंस दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में यह सारा सिलसिला वर्ष 2013 से शुरू हुआ, जब शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने। उन्होंने चीन की पुलिस को किसी को भी लापता करने और गिरफ्तार कर सीक्रेट जेल में पहुंचाने का अधिकार दिया। इन जेलों (Chinese Black Prison) में लाने के बाद पीड़ित को बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं करने दिया जाता। उसे बिना किसी मुकदमे के 6 महीने तक जेल में रखकर पूछताछ की जा सकती है। पूछताछ के लिए पीड़ित के साथ मारपीट करने, धमकी देने और किसी भी तरह का मिस-बिहेव करने की पुलिस वालों को पूरी आजादी होती है।
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