China's cunning .. changed the names of 15 places in Arunachal Pradesh, India told it an integral part

चीन की चालाकी.. अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम बदले, भारत ने बताया अभिन्न अंग

China's cunning .. changed the names of 15 places in Arunachal Pradesh, India told it an integral part

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 PM IST
,
Published Date: December 31, 2021 8:50 am IST

 

नई दिल्ली। चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है, जिसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। भारत ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने के कदम को गुरुवार को स्पष्ट रूप से खारिज किया। उसने जोर देकर कहा कि यह राज्य हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा। ‘गढ़े’ गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलेगा।

हमारे 𝕎𝕙𝕒𝕥𝕤 𝕒𝕡𝕡 Group’s में शामिल होने के लिए यहां Click करें.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमने इस तरह की रिपोर्ट देखी है। ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने का प्रयास किया है। चीन ने अप्रैल 2017 में भी इस तरह से नाम बदलने की कोशिश की थी।’ उन्होंने कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश सदैव भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा रहेगा। अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम गढ़ने से यह तथ्य नहीं बदलेगा।’

पढ़ें- लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का विरोध, खापों के प्रमुखों ने की फैसला वापस लेने की मांग

चीन करता है किस तरह का दावा?
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को दी गई खबर में कहा कि चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि उसने जांगनान, अरुणाचल प्रदेश के लिए चीनी नाम में 15 स्थानों के नामों को चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला में मानकीकृत किया है।

पढ़ें- पूरे शहर में लगाया गया ‘लॉकडाउन’.. गिलहरी के आतंक से घरों में दुबक गए लोग

15 स्थानों के आधिकारिक नामों, जिन्हें सटीक देशांतर और अक्षांश दिया गया है, में आठ आवासीय स्थान, चार पहाड़, दो नदियां और एक पहाड़ी दर्रा हैं। चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के मानकीकृत नामों का यह दूसरा समूह है। छह स्थानों के मानकीकृत नाम इससे पहले 2017 में जारी किए गए थे। भारत और चीन सीमा 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) साझा करते हैं जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद है।

पढ़ें- हॉकी इंडिया ने राष्ट्रीय शिविर के लिए 60 खिलाड़ियों को चुना… सूची जारी

इसमें कहा गया कि चार पहाड़ वामोरी, डेउ री, लुंझुब री और कुनमिंगशिंगजे फेंग हैं। जिन दो नदियों के नाम मानकीकृत किए गए हैं वे शेन्योगमो ही और डुलैन ही हैं तथा कोना काउंटी के पहाड़ी दर्रे का नाम से ला दिया गया है। खबर में बीजिंग के चीन तिब्बत विज्ञान अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ बताए गए लियान शिंगमिल को उद्धृत करते हुए दावा किया गया कि यह घोषणा सैकड़ों सालों से अस्तित्व रखने वाले स्थानों के नाम के राष्ट्रीय सर्वे का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि यह एक वैध कदम है और उन्हें मानकीकृत नाम देना चीन की संप्रभुता है। आने वाले समय में क्षेत्र में और स्थानों के मानकीकृत नामों की घोषणा की जाएगी।

पढ़ें- पेड़ से जा टकराई कार.. हादसे में 5 लोगों की मौत.. शादी समारोह से लौट रहे थे सभी

क‍िन जगहों के बदले गए हैं नाम?
ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक चीन ने जिन आठ स्थानों के नाम को मानकीकृत किया है, उनमें शन्नान क्षेत्र के कोना काउंटी में सेंगकेजोंग और दागलुंगजोंग, न्यिंगची के मेडोग काउंडी में मनीगांग, डुडिंग और मिगपेन, न्यिंगची के जायू काउंटी के गोलिंग, डांगा और शन्नान प्रीफेक्टर के लुंझे काउंटी का मेजाग शामिल है।

 

 
Flowers