बीजिंग। जानलेवा कोरोना वायरस दुनिया में अब ओमिक्रॉन के रूप में सामने आया है। कई देश इस बीमारी के रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस बीच चीन की एक और बेशर्मी सामने आई है। इस बार भी कोरोना टेस्टिंग को लेकर चीन विवादों में घिर गया है। दरअसल चीन कोरोना का टेस्ट करने के लिए खिलाड़ियों के प्राइवेट पार्ट से सैंपल ले रहा है।
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कोरोना ऐसा वायरस है जो बीते दो सालों से लोगों को मौत के मुंह में घकेल रहा है। वहीं इस बीमारी की शुरुआत चीन से ही हुई। भले ही चीन इस बात से सहमत ना हो, लेकिन चीन को ही इसके लिए जिम्मेदार बताया जाता रहा है। वहीं महामारी का खतरा अभी दुनिया के सिर पर मंडरा रहा है। इस बीच चीन से एक शर्मनाक खबर सामने आ रही है।
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खबर यह है कि बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले खिलाड़ियों का कोरोना सैंपल लिया जा रहा है। वहीं उन खिलाड़ियों का सैंपल नाक और मुंह से नहीं बल्कि प्राइवेट पार्ट से लिया जा रहा है। बता दें कि यह टेस्ट काफी विवादित है लेकिन चीन के मुताबिक इस टेस्ट से कोरोना को डिटेक्ट करने का सबसे सुरक्षित और सही तरीका बताया जा रहा है।
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बता दें कि पिछले साल भी चीन द्वारा एनल स्वैब टेस्ट करना विवादों में रहा था। वहीं अब ओलंपिक का हिस्सा बनने आए खिलाड़ियों को इस विवादित टेस्ट से गुजरना पड़ रहा है। बात दे कि एनल टेस्ट में संक्रमित इंसान के प्राइवेट पार्ट के 5 सेंटीमीटर अंदर तक टेस्टिंग किट को घुसाया जाता है। इसके बाद इसे घुमाया जाता है। जांच से पहले स्वाब किट को तोड़ दिया जाता है। टेस्ट की इन खबरों से चीन की शर्मनाक चेहरा सामने आया है।