पाकिस्तान के खिलाफ चीन बना दीवार, ब्लैक लिस्ट में जाने से बचाया, इन दो देशों ने भी किया सहयोग | China made wall against Pakistan These two countries also contributed

पाकिस्तान के खिलाफ चीन बना दीवार, ब्लैक लिस्ट में जाने से बचाया, इन दो देशों ने भी किया सहयोग

पाकिस्तान के खिलाफ चीन बना दीवार, ब्लैक लिस्ट में जाने से बचाया, इन दो देशों ने भी किया सहयोग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : June 22, 2019/6:10 am IST

नई दिल्ली। भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानि एफएटीएफ सदस्य के तीन देशों ने ‘ब्लैक’ सूची में जाने से बचा लिया। पाकिस्तान के लिए चीन एक बार पिर संकटमोचक साबित हुआ है।

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पाकिस्तान एफएटीएफ के सदस्य देशों से समर्थन हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था, जिसके बाद उसके मित्र देश तुर्की और चीन ने उसे समर्थन दिया, वहीं तीसरे देश मलेशिया का समर्थन पाने में भी पाकिस्तान कामयाब रहा। हालांकि खतरा अभी टला नहीं है, एफएटीएफ संस्था इस साल अक्टूबर में अपना फायनल फैसला सुनाएगी।

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ब्लैक लिस्ट से बचने की लगातार कवायद पाकिस्तान कर रहा है। इसी परिपेक्ष्य में ब्रिटेन की यात्रा पर गए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि ब्रिटेन ने पाकिस्तान के ‘ग्रे’ सूची से बाहर निकलने के प्रयासों का समर्थन करने पर अपनी सहमति दी है। नियम के मुताबिक, ब्लैक सूची में जाने से बचने के लिए कम से कम तीन सदस्य देशों का समर्थन मिलना जरूरी है। जबकि ‘ग्रे’ सूची से बाहर आने के लिए 36 वोटों में से 15 वोट मिलना आवश्यक है।

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पाकिस्तान पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद केआर्थिक निगरानी करने वाली संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानि एफएटीएफ ने शुक्रवार 21 जून को कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को वित्तपोषण पर अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपना वचन निभाने का मौका दिया है। ऐसा नहीं करने पर उसे कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी जारी की गई है, जिसके तहत उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।

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फ्लोरिडा के ओरलैंडो में अपनी पूर्ण बैठक के समापन पर जारी एक बयान में, एफएटीएफ ने चिंता व्यक्त की कि ”न केवल पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है। एफएटीएफ ने ”कड़ाई से पाकिस्तान से अक्टूबर 2019 तक अपनी कार्ययोजना को पूरा करने का अनुरोध किया।

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