पेशावर, 21 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा राज्य के मुख्यमंत्री अली अमीन खान गंदापुर ने सीमा पार आतंकवाद सहित पाक-अफगान मुद्दों पर चर्चा के लिए दो सप्ताह के भीतर एक प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान भेजने की योजना की घोषणा की है।
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए गंदापुर ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद को अभियानों, हवाई हमलों और बल प्रयोग के जरिए खत्म नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘संघीय सरकार ने द्विपक्षीय मुद्दों पर अफगानिस्तान के साथ बातचीत के बारे में बात की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब, काबुल के साथ वार्ता प्रांतीय स्तर पर होगी। हमारी (खैबर पख्तूनख्वा) सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल दो सप्ताह के भीतर अफगान अधिकारियों से मुलाकात करेगा।’’
साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान शासकों के सत्ता में लौटने के बाद से देश बढ़ते हिंसक हमलों से जूझ रहा है, खासकर खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के सीमावर्ती प्रांतों में हिंसा हो रही है।
सुरक्षा और सामरिक अध्ययन केंद्र द्वारा जारी ‘‘सीआरएसएस वार्षिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024’’ के अनुसार, वर्ष 2024 पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य सुरक्षा बलों के लिए एक दशक में सबसे घातक साबित हुआ, जिसमें कम से कम 685 मौत हुईं और 444 आतंकी हमले हुए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी पड़ोसियों के साथ बल प्रयोग नहीं बल्कि बातचीत के माध्यम से मुद्दों के समाधान में विश्वास करती है।
मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के खिलाफ तीखी टिप्पणी के लिए पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाली संघीय सरकार ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, खासकर पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीटीआई के संस्थापक इमरान ख़ान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अल-कादिर ट्रस्ट मामले में अपनी ‘अवैध’ सजा के बावजूद खान और बुशरा बीबी कानून के शासन में विश्वास करते हैं।
शुक्रवार को एक अदालत ने 19 करोड़ पाउंड के अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले का दोषी पाए जाने के बाद खान और बुशरा बीबी को क्रमशः 14 और सात साल की सजा सुनाई गई।
इस बीच, खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर फैसल करीम कुंदी ने मुख्यमंत्री की अफगानिस्तान में प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषणा को ‘फिल्मी संवाद’ करार दिया है।
एआरवाई न्यूज ने गवर्नर के हवाले से कहा, ‘‘अगर वे शांति के लिए गंभीर होते, तो वे संघीय सरकार से बात करते।’’
कुंदी ने कहा, ‘‘अगर आप प्रांत को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो सेना को बुलाइए।’’
भाषा वैभव पवनेश
पवनेश
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)