(अदिति खन्ना)
लंदन, दो अक्टूबर (भाषा) लंदन में सोमवार को आयोजित गांधी जयंती समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और महाराष्ट्र के संस्कृति मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने महात्मा गांधी के विचारों पर प्रकाश डाला।
लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर में गांधीजी की प्रतिमा के पास एकत्र हुए प्रवासी भारतीयों ने पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय उच्चायोग और इंडिया लीग द्वारा किया गया।
लंदन में भारतीय विद्या भवन के छात्रों ने ‘रघुपति राघव—’ और ‘वैष्णव जन–’ सहित महात्मा गांधी के पसंदीदा भजनों को पेश किया। भारतीय समुदाय के नेता और सांसद इस समारोह में शामिल हुए, जो बौद्ध प्रार्थना के साथ संपन्न हुआ।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज, महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर, हम उनकी शिक्षाओं, सीख और मानव जाति के प्रति करुणा के लिए उन्हें याद करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी एक ऐसा नाम है, जिसे दुनिया में हर कोई जानता है। एक नाम जो सत्य और अहिंसा के सिद्धांत का प्रतीक है। एक नाम जो सार्वभौमिक शांति का आह्वान करता है। एक ऐसा नाम जो आशा जगाता है कि हम अपनी दुनिया को पहले से बेहतर स्थान बनाएंगे।’’
मंत्री मुनगंटीवार ने गांधी के संदेशों के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी जी द्वारा दिए गए अहिंसा के मंत्र के कारण इस दिन को दुनिया भर में ‘अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में जाना जाता है।’’
मंत्री ने महाराष्ट्र के वर्धा में गांधी सेवाग्राम आश्रम के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने अनुभव भी साझा किए।
उन्होंने कहा, ‘‘चरखा, हर भारतीय के हाथ में शांति का एक हथियार बन गया है। यह महत्वपूर्ण है कि अहिंसा का यह दिन हमारे लिए सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है।’’
भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप
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