मौसम में बदलाव लोगों की मन:स्थिति और उनके नैतिक मूल्यों को प्रभावित कर सकता है |

मौसम में बदलाव लोगों की मन:स्थिति और उनके नैतिक मूल्यों को प्रभावित कर सकता है

मौसम में बदलाव लोगों की मन:स्थिति और उनके नैतिक मूल्यों को प्रभावित कर सकता है

:   Modified Date:  October 13, 2024 / 03:28 PM IST, Published Date : October 13, 2024/3:28 pm IST

(इयान होहम और मार्क स्कॉलर, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय)

वैंकूवर (कनाडा), 13 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) हमारे जीवन में नैतिक मूल्य वे सिद्धांत हैं जो किसी व्यक्ति की अच्छे और बुरे तथा सही और गलत के बारे में धारणा तय करते हैं। वे हमारी पसंद-नापसंद, राजनीतिक विचारधाराओं और कई अन्य परिणामी दृष्टिकोणों और कार्यों को भी आकार देते हैं।

यह मान लेना आकर्षक है कि किसी व्यक्ति के नैतिक मूल्य समय और परिस्थितियों के बावजूद स्थिर रहते हैं और कुछ हद तक वे स्थिर होते भी हैं लेकिन पूरी तरह से नहीं होते हैं। नैतिक मूल्य बदलते रहते हैं और कभी-कभी विभिन्न स्थितियों में उत्पन्न होने वाले खास विचारों, भावनाओं और प्रेरणाओं के आधार पर इनमें बदलाव आता है।

हमारे शोध में इस बात का पता लगाया गया है कि क्या नैतिक मूल्य भी मौसम के साथ बदल सकते हैं?

बदलते मूल्य

ऋतुओं की विशेषता केवल मौसम में होने वाले बदलाव ही नहीं होता है बल्कि यह हमारे आस-पास के वातावरण और हमारे जीवन की लय में होने वाले अन्य बदलावों पर भी निर्भर करता है। इनमें वसंत के मौसम में सफाई करना, गर्मियों में परिवार के साथ अधिक समय बिताना, पतझड़ के मौसम में स्कूल के लिए खरीदारी या सर्दियों की छुट्टियों की तैयारी करना भी शामिल हो सकता है।

इसके परिणामस्वरूप, मौसम में बदलाव होने से लोगों की सोच, भावना और कार्यों में भी परिवर्तन आता है। बहुत से लोग जानते हैं कि मौसम में होने वाले बदलाव का उनकी मन:स्थिति पर भी असर पड़ता है, लेकिन यह तो केवल एक छोटी सी बात है। मनोवैज्ञानिक शोध से पता चला है कि मौसम में बदलाव व्यक्ति के ध्यान और स्मृति, उदारता, रंग वरीयता और कई अन्य चीजों पर असर डालता है। इसलिए हमारे हाल के शोध में हमने यह जानने की कोशिश की है कि क्या मौसमी बदलाव लोगों द्वारा अपनाए जाने वाले नैतिक मूल्यों को भी प्रभावित करता है।

हमने पांच प्रमुख सिद्धांतों की जांच-पड़ताल की, जिन्हें पिछले शोध में मौलिक नैतिक मूल्यों के रूप में पहचाना गया है। इनमें से दो सिद्धांत हैं दूसरे लोगों को चोट न पहुंचाना और सभी लोगों के साथ समान व्यवहार करना है। यह व्यक्तिगत अधिकारों से संबंधित हैं और इन्हें ‘व्यक्तिगत’ मूल्य कहा जाता है।

तीन अन्य सिद्धांत हैं कि अपने समूह के प्रति वफादार रहना, प्राधिकार का सम्मान करना और समूह के नियमों और परंपराओं को बनाए रखना है। यह समूह के बीच एकता को बढ़ावा देते हैं और इन्हें ‘बाध्यकारी’ मूल्य कहा जाता है।

ज्यादातर लोग इन सभी मूल्यों को मानते हैं लेकिन वे इन्हें किस हद तक प्राथमिकता देते हैं तो इस मामले में उनमें भिन्नता होती है और इन प्राथमिकताओं के महत्वपूर्ण निहितार्थ होते हैं।

मौसमी चक्र

क्या विभिन्न मौसम इस बात को प्रभावित करता हैं कि लोग किस हद तक इन मूल नैतिक मूल्यों को अपनाते हैं? इसका पता लगाने के लिए हमने शोध वेबसाइट ‘योरमोरल्स’ से आंकड़ा एकत्रित किया। यह वेबसाइट इन सभी पांच मूल नैतिक मूल्यों के प्रति लोगों द्वारा खुद अपनाई गई बात का आकलन करने के लिए ऑनलाइन सर्वेक्षण विधियों का उपयोग करती है। हमारा विश्लेषण अमेरिका में एक दशक (2011-20) में 2,32,975 लोगों द्वारा बताए गए मूल्यों पर आधारित है। परिणामों से पता चला कि अमेरिकी इस बात का समर्थन नहीं करते हैं कि मौसमी चक्र के कारण व्यक्तिगत मूल्यों में बदलाव हो सकता है लेकिन वे इस बात के समर्थन में हैं कि मौसमी चक्र के कारण तीनों ‘बाध्यकारी’ मूल्यों में बदलाव हो सकता है।

बाध्यकारी नैतिक मूल्य समूहों के भीतर एकजुटता, अनुपालन और सहयोग को बढ़ावा देते हैं, जो किसी भी तरह की परेशानी से निपटने में कारगर साबित होता है। इसका तात्पर्य यह है कि समूह गर्मी और सर्दी के मौसम में आने वाली परेशानियों की तुलना में वसंत और शरद के मौसम में आने वाली कठिनाइयों से बेहतर ढंग से निपट सकते हैं। लेकिन बाध्यकारी नैतिक मूल्य उन लोगों के प्रति अविश्वास को भी बढ़ावा देते हैं जो समूह के मानदंडों और परंपराओं का पालन नहीं कर पाते हैं।

जो लोग बाध्यकारी नैतिक मूल्यों का अधिक दृढ़ता से समर्थन करते हैं वे अधिक दंडात्मक भी होते हैं इसलिए हर साल होने वाले लाखों कानूनी मामलों में निर्णय लेने पर मौसम का प्रभाव भी पड़ सकता है।

वहीं, नैतिक मूल्यों और रूढ़िवादी विचारधारा के बीच संबंध को देखते हुए यह राजनीति के लिए संभावित निहितार्थ हैं।

(द कन्वरसेशन)

प्रीति देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)