सावधान! आपका ढीला, मुलायम, आरामदायक पायजामा देखते ही देखते आग पकड़ सकता है |

सावधान! आपका ढीला, मुलायम, आरामदायक पायजामा देखते ही देखते आग पकड़ सकता है

सावधान! आपका ढीला, मुलायम, आरामदायक पायजामा देखते ही देखते आग पकड़ सकता है

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Modified Date: January 23, 2025 / 05:23 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 5:23 pm IST

(रेबेका वान अंबर, आरएमआईटी यूनिवर्सिटी)

मेलबर्न, 23 जनवरी (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग (एसीसीसी) ने पिछले साल बच्चों से जुड़े उत्पाद बनाने वाली कुछ कंपनियों के ‘नाइटवियर’ को बाजार से वापस लेने के लिए कम से कम नौ नोटिस जारी किए, क्योंकि इन कपड़ों में आसानी से आग लगने का जोखिम था, लेकिन कंपनियों ने इन पर आवश्यक चेतावनी संदेश नहीं प्रकाशित किए थे।

सबसे ताजा नोटिस ई-कॉमर्स वेबसाइट टेमू पर उपलब्ध अंधेरे में चमकने वाली एक टी-शर्ट के संबंध में जारी किया गया था। दरअसल, क्वींसलैंड में आठ साल की ‍एक बच्ची उस समय बुरी तरह से झुलस गई, जब हवा से फैली चिंगारी उसकी इस टी-शर्ट पर गिरी और देखते ही देखते इसने आग पकड़ ली। इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में उत्पादों से जुड़े सुरक्षा मानकों में गंभीर कमियों को उगाजर किया है।

हालांकि, ज्यादातर कंपनियां कानूनी बाध्यताओं को पूरा करने के लिए चेतावनी संदेश तो प्रकाशित करती हैं, लेकिन वे इन खतरनाक ज्वलनशील कपड़ों का उत्पादन और बिक्री नहीं रोकतीं। इससे सुरक्षा का सारा दारोमदार खरीदारों पर आ जाता है, जो चेतावनी संदेश वाले उत्पाद तो खरीद लेते हैं, लेकिन इसके (चेतावनी) मायने नहीं समझ पाते।

अत्यधिक ज्वलनशील कपड़ों का मतलब सिर्फ सूती और सिंथेटिक कपड़ों तक सीमित नहीं है। फलालैन सहित अन्य कपड़े भी बेहद आसानी से आग पकड़ सकते हैं।

कौन-से कपड़े ज्यादा ज्वलनशील?

-कपड़े हल्के पदार्थ होते हैं, जिनका सतह क्षेत्र अक्सर अधिक होता है, जिससे वे आसानी से आग पकड़ लेते हैं। यही कारण है कि मोमबत्ती और लालटेन की बाती आमतौर पर सूती धागे या कपड़े से बनी होती है।

प्राकृतिक रूप से अग्निरोधी धागों में ऊन, रेशम, अल्पाका, मोहायर और कश्मीरी शामिल हैं। ये धागे धीरे-धीरे जलते हैं और इनके जलने पर राख तैयार होती है। जबकि, रेयॉन, नायलॉन, पॉलिएस्टर, एक्रेलिक और अरामिड जैसे सिंथेटिक धागे आग की चपेट में आने पर पिघलने लगते हैं। इस दौरान अगर वे त्वचा से चिपक जाते हैं, तो गंभीर घाव दे सकते हैं, जिनका इलाज मुश्किल होता है। 2023 में वैश्विक कपड़ा उत्पादन में पॉलिएस्टर की हिस्सेदारी 57 फीसदी से अधिक थी।

एक्रेलिक सभी सिंथेटिक धागों में सबसे ज्यादा ज्वलनशील है। एक्रेलिक धागों का इस्तेमाल आमतौर पर ऐसे कपड़े बनाने के लिए किया जाता है, जो ऊनी की तरह दिखते हैं और गर्माहट भी देते हैं, लेकिन इनकी उत्पादन लागत ऊन के मुकाबले बेहद कम होती है। चेतावनी संदेश पर ध्यान न देने पर खरीदार एक्रेलिक स्वेटर को आसानी से ऊनी स्वेटर समझने की भूल कर सकते हैं।

हालांकि, कुछ कम ज्वलनशील सिंथेटिक धागे भी उपलब्ध हैं। इनमें मॉडेक्रेलिक शामिल है, जिसे अत्यधिक ज्वलनशील एक्रेलिक के विकल्प के रूप में विकसित किया गया था। केवलर और तंतु कांच मानव निर्मित अन्य ज्वाला प्रतिरोधी कपड़े हैं।

कपड़ों की ज्वलनशीलता उनके निर्माण में इस्तेमाल रेशे, धागे, संरचना (बुनाई) और उस पर चढ़ाई जाने वाली परत पर भी निर्भर करती है। मिसाल के तौर पर, बारीक बुनाई वाले मुलायम कपड़े हल्के या रेशेदार कपड़ों की तुलना में धीमे जलते हैं।

चेतावनी संदेश को हल्के में न लें

-अलग-अलग तरह के धागों के आग पकड़ने के जोखिम स्पष्ट होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में कपड़ों के निर्माण में इस्तेमाल धागों की मात्रा स्पष्ट करने से जुड़े नियम 2019 में समाप्त कर दिए गए। देश में कंपनियों के लिए कपड़ों पर अब सिर्फ देखभाल संबंधी दिशा-निर्देश अंकित करना अनिवार्य है।

हालांकि, कई ब्रांड अमेरिकी और यूरोपीय बाजार नियामकों की शर्तों को पूरा करने के लिए अब भी कपड़ों के निर्माण में इस्तेमाल धागों की मात्रा (उदाहरण के लिए 100 फीसदी सूती आदि) उल्लिखित करते हैं, लेकिन उन पर ऑस्ट्रेलिया में ऐसा करने की कानूनी बाध्यता नहीं है।

मौजूदा सुरक्षा नियम मुख्य रूप से बच्चों को सुरक्षित रखने पर केंद्रित हैं, खासतौर पर रोजाना के कपड़ों और ‘नाइटवियर’ को लेकर। हालांकि, हर उस व्यक्ति को जोखिम होता है, जो ज्वलनशील सामग्री से तैयार ढीले, मुलायम और आरामदायक कपड़े पहनना पसंद करता है।

मजबूत उपभोक्ता सुरक्षा नियमों की दरकार

-ऑस्ट्रेलिया में उपभोक्ता सुरक्षा कानून तो मौजूद हैं, लेकिन एसीसीसी ने स्वीकार किया है कि असुरक्षित उत्पादों की बिक्री पर कोई प्रत्यक्ष रोक नहीं है। अत्यधिक ज्वलनशील कपड़ों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने वाले मजबूत कानून के बिना, ऑस्ट्रेलिया के ऐसे खतरनाक कपड़ों और कपड़ा उत्पादों के लिए एक बड़े बाजार के रूप में उभरने का जोखिम बढ़ गया है, जो सख्त अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करते।

(द कन्वरसेशन) पारुल मनीषा

मनीषा

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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