कनाडा का समाचार मीडिया ‘ओपनएआई’ पर कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा कर रहा है, लेकिन क्या वे जीतेंगे? |

कनाडा का समाचार मीडिया ‘ओपनएआई’ पर कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा कर रहा है, लेकिन क्या वे जीतेंगे?

कनाडा का समाचार मीडिया ‘ओपनएआई’ पर कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा कर रहा है, लेकिन क्या वे जीतेंगे?

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Modified Date: December 2, 2024 / 04:49 PM IST
Published Date: December 2, 2024 4:49 pm IST

(रॉबर्ट डियाब, थॉम्पसन रिवर्स विश्वविद्यालय)

कैमलूप्स, दो दिसंबर (द कन्वरसेशन) कनाडा के पांच सबसे प्रमुख समाचार मीडिया संस्थानों ने पिछले सप्ताह कॉपीराइट उल्लंघन के लिए ‘चैटजीपीटी’ की निर्माता कंपनी ‘ओपनएआई’ के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिसमें अरबों डॉलर के हर्जाने की मांग की गई।

यह मुकदमा इस वर्ष की शुरुआत में चैटजीपीटी के निर्माता के खिलाफ न्यूयॉर्क टाइम्स और अमेरिका की अन्य मीडिया कंपनियों द्वारा दायर किए गए इसी प्रकार के मामलों के बाद सामने आया है।

इन सभी मुकदमों के मूल में यह दावा है कि ओपनएआई ने विभिन्न मीडिया वेबसाइट से बड़ी मात्रा में वेब ‘‘स्क्रैपिंग’’ की है। मुकदमे में बिना अनुमति के सामग्री की नकल करने का आरोप शामिल है। साथ ही कहा गया है कि कंपनी मूल रचनाकारों को मुआवजा दिए बिना इससे लाभ कमा रही है।

वेब स्क्रैपिंग का आशय डेटा निष्कर्षण से है, जिसका उपयोग वेबसाइट से डेटा निकालने के लिए किया जाता है।

ओपनएआई ने अभी तक कनाडाई मुकदमे का औपचारिक रूप से जवाब नहीं दिया है, लेकिन जोर देकर कहा है कि अपने चैटबॉट को प्रशिक्षित करने के लिए समाचार सामग्री का उपयोग करना कॉपीराइट कानून के तहत ‘‘उचित व्यवहार’’ है, और यह किसी तरह का उल्लंघन नहीं है।

कौन सही है? और ओपनएआई विभिन्न मीडिया कंपनियों के साथ लाइसेंस के लिए समझौते क्यों कर रहा है, जबकि उसे इतना भरोसा है कि वे कानून नहीं तोड़ रहे हैं?

यह भी एक सवाल है कि क्या कनाडा का मामला महज एक बड़ा लाइसेंस सौदा हासिल करने की चाल है?

चैटबॉट को कैसे प्रशिक्षित किया जाता है, इस पर करीब से नजर डालने से पता चलता है कि ओपनएआई का यह कहना सही हो सकता है कि वेब ‘‘स्क्रैपिंग’’ का मतलब कॉपी करना नहीं है, लेकिन यह ‘‘उचित व्यवहार’’ भी नहीं हो सकता है।

स्पष्ट रूप से कहें तो, पांच मीडिया कंपनियां – टोरस्टार, पोस्टमीडिया, द ग्लोब एंड मेल इंक, द कैनेडियन प्रेस और सीबीसी/रेडियो-कनाडा – दो अन्य दावे भी कर रही हैं।

ओपनएआई ने समाचार कंपनियों द्वारा अपनी वेबसाइट को ‘स्क्रैपिंग’ करने के लिए उपयोग किए जाने वाले टूल को प्रतिबंधित करने के लिए अपनाए जाने वाले सुरक्षात्मक उपायों को विफल कर दिया, और ऐसा करके साइटों की सेवा शर्तों का उल्लंघन किया।

मुकदमा दायर करने वाली समाचार कंपनियां अपनी वेबसाइटों से ‘‘डेटा की अनधिकृत स्क्रैपिंग को रोकने’’ के लिए उपकरणों पर निर्भर हैं। इसका एक उदाहरण ‘रोबोट एक्सक्लूजन प्रोटोकॉल’ है, जो बॉट और वेब क्रॉलर जैसे सॉफ्टवेयर के किसी साइट तक पहुंचने को प्रबंधित करता है। ये उपकरण, खाता प्रतिबंधों के साथ ही उनकी सामग्री के अनधिकृत उपयोग से सुरक्षा के लिए हैं।

वादी कंपनियों का कहना है कि उनकी सामग्री को ऑनलाइन पढ़ने वाले आगंतुक उपयोग की शर्तों को स्वीकार करते हैं, और 2015 से, शर्तों में स्पष्ट कर दिया गया है कि समाचार सामग्री ‘‘केवल व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत, गैर-वाणिज्यिक उपयोग’’ के लिए है।

कनाडाई मुकदमे में सभी तीन दावों का सार यह है कि उनकी सामग्री का उपयोग करके ओपनएआई उनके काम की नकल कर रहा है और लाभ के लिए इसका अनधिकृत उपयोग कर रहा है।

कनाडा और अमेरिका में कॉपीराइट कानून निष्पक्ष व्यवहार या उचित उपयोग अपवाद के तहत कुछ मामलों में संरक्षित कार्य की अनधिकृत नकल या उपयोग की अनुमति देता है। न्यायालय कई कारकों पर विचार करते हैं, जिसमें नकल का उद्देश्य (व्यावसायिक या शैक्षिक), किस हद तक नकल की गई और मूल कार्य पर इसका प्रभाव शामिल है।

(द कन्वरसेशन)

शफीक मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)