अमेरिका के सिएटल सेंटर में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया |

अमेरिका के सिएटल सेंटर में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया

अमेरिका के सिएटल सेंटर में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया

:   Modified Date:  October 3, 2024 / 01:27 PM IST, Published Date : October 3, 2024/1:27 pm IST

(ललित के झा)

(फोटो के साथ)

वाशिंगटन, तीन अक्टूबर (भाषा) अमेरिका के ‘सिएटल सेंटर’ में महान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महात्मा गांधी की जयंती पर उनकी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया।

सिएटल के मेयर ब्रूस हैरेल, सांसद एडम स्मिथ और भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल की उपस्थिति में बुधवार को आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया।

सिएटल में स्थापित गांधी की यह पहली आवक्ष प्रतिमा है। प्रतिमा को लोकप्रिय ‘स्पेस नीडल’ के नीचे तथा चिहुली गार्डन एवं ग्लास म्यूजियम के समीप स्थापित किया गया है।

प्रतिमा के अनावरण समारोह का नेतृत्व सिएटल में भारत के महावाणिज्यदूत प्रकाश गुप्ता ने किया। समारोह में उत्तर पश्चिम प्रशांत में ‘यूएस फर्स्ट कोर’ के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेवियर ब्रूनसन और ‘मार्टिन लूथर किंग गांधी इनिशिएटिव’ के अध्यक्ष एडी राई भी शामिल हुए थे।

गांधी जयंती समारोह में शामिल हुए गणमान्य अतिथियों ने ‘अहिंसा, सत्याग्रह और सर्वोदय’ के मूल्यों को रेखांकित किया और इन मूल्यों को समकालीन समय में बेहद जरूरी बताया।

इस अवसर पर, वाशिंगटन के गवर्नर जे. इंसली ने एक आधिकारिक घोषणा जारी की। उन्होंने इस प्रतिमा को गांधी के सिद्धांतों के प्रति श्रद्धांजलि बताया और कहा कि यह प्रतिमा अहिंसा के मार्ग पर चलकर परिवर्तन लाने के प्रभाव की याद दिलाएगी।

घोषणा में कहा गया है कि महात्मा गांधी की यह प्रतिमा भारत सरकार की ओर से सिएटल शहर को उपहार है, जो गांधी के सिद्धांतों के प्रति श्रद्धांजलि होगी तथा सामाजिक एवं राजनीतिक बदलाव प्राप्त करने में अहिंसा की ताकत की याद दिलाएगी।

वाशिंगटन राज्य की ओर से जारी घोषणा में कहा गया है कि शांति, सहिष्णुता और ज्ञान की संस्कृति को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत राज्य ‘सिएटल सेंटर’ में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा के अनावरण की सराहना करता है। यह ‘‘भारत की ओर से एक ऐसा उपहार है, जो इन मूल्यों के प्रति हमारे समर्पण का प्रतीक है और राज्य मानवता पर गांधी के गहन प्रभाव का सम्मान करता है।’’

घोषणा में कहा गया है कि वाशिंगटन राज्य में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की आबादी 2,00,000 से अधिक है, जिनका राज्य के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने में योगदान अमूल्य है।

किंग काउंटी ने भी ग्रेटर सिएटल क्षेत्र के सभी 73 शहरों में दो अक्टूबर को ‘महात्मा गांधी दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की।

किंग काउंटी की घोषणा में कहा गया है कि गांधी के ‘‘जीवन और शांति एवं अहिंसा के उनके मार्ग ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है’’।

घोषणा में कहा गया है कि गांधी के विरोध के अहिंसक तरीके या सत्याग्रह के उनके दर्शन ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और न्याय, समानता एवं मानवाधिकारों को बढ़ावा देते हुए वैश्विक स्तर पर कई नागरिक अधिकार आंदोलनों को प्रभावित किया।

घोषणा के अनुसार, 1986 में ‘किंग काउंटी काउंसिल’ ने महात्मा गांधी और उनके अहिंसा के सिद्धांत के प्रबल अनुयायी डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नाम पर काउंटी का आधिकारिक नाम ‘किंग काउंटी’ रखने का प्रस्ताव दिया। घोषणा में मार्टिन लूथर किंग के उस वक्तव्य का जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘मैं अन्य देशों में एक पर्यटक के रूप में जा सकता हूं, लेकिन भारत में मैं एक तीर्थयात्री के रूप में जाऊंगा।’’

सिएटल में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने पिछले साल नवंबर में प्रशांत उत्तर-पश्चिम के नौ राज्यों वाशिंगटन, ओरेगन, इडाहो, मोंटाना, व्योमिंग, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, नेब्रास्का और अलास्का में वाणिज्य दूतावास के साथ परिचालन शुरू किया था।

वाणिज्य दूतावास ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सिएटल में गांधी की प्रतिमा की स्थापना उसके वाणिज्य दूतावास क्षेत्राधिकार में क्रियान्वित की जा रही पहलों की श्रृंखला में से एक है।

दूतावास ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘भारत के महावाणिज्य दूतावास और सिएटल शहर ने महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान को चिह्नित करने के लिए मिलकर काम किया और प्रतिष्ठित सिएटल सेंटर के इस स्थान को उपयुक्त माना गया। हर साल यहां 1.2 करोड़ से अधिक पर्यटक आते हैं। इसके महत्व, स्थान और लोगों की पहुंच तथा शांति एवं अहिंसा के मूल्यों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को देखते हुए प्रतिमा की स्थापना के लिए सिएटल सेंटर को उपयुक्त समझा गया।’’

गांधी की जयंती को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा

 

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