बर्लिन, 11 जनवरी (भाषा) दिग्गज अभिनेता बोमन ईरानी का कहना है कि उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने के लिए इसलिए इतना समय लिया क्योंकि वह सही कहानी का इंतजार कर रहे थे, जो उन्हें ‘द मेहता बॉयज’ के रूप में मिली।
यह फिल्म पिता-पुत्र की जोड़ी के बीच के तेजी से बदलते घटनाक्रम को दर्शाती है।
ईरानी ने जर्मनी में भारतीय फिल्म महोत्सव के दौरान फिल्म के बारे में कहा, “35 वर्ष की उम्र में एक फोटोग्राफर, 44 में एक अभिनेता और 65 में मैं एक निर्देशक और एक लेखक बन गया।”
‘द मेहता बॉयज’ शुक्रवार को शुरू हुए तीन दिवसीय फिल्म समारोह की शुरुआती फिल्म है।
उन्होंने कहा कि मैं यह फिल्म पहले बनाना चाहता था, लेकिन जब समय पर कहानी नहीं आई या यह समय पर तैयार नहीं हुई, मैं निर्माण के लिए तैयार नहीं था…मैं सबकुछ अपने तरीके से करता हूं।
‘मुन्ना भाई’ फिल्में, ‘3 इडियट्स’ और ‘खोसला का घोसला’ जैसी फिल्मों के लिए मशहूर ईरानी ने स्पष्ट किया कि ‘द मेहता बॉयज’ उनकी एकमात्र निर्देशित फिल्म नहीं होगी क्योंकि वह ‘पहले से ही दो और फिल्मों पर काम कर रहे हैं’।
ईरानी और अविनाश तिवारी अभिनीत ‘द मेहता बॉयज’ एक पिता और बेटे की कहानी है, जो एक-दूसरे से असहमत हैं, और खुद को 48 घंटे एक साथ बिताने के लिए मजबूर पाते हैं।
यह फिल्म उनके उथल-पुथल भरे जीवन और पिता-पुत्र के रिश्ते में निहित जटिलताओं को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, “पिता और बेटों के बीच बहुत संघर्ष होता है। वैसे, मैं बस यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरे बेटों के साथ मेरा रिश्ता बहुत अच्छा है। हालांकि, जब बच्चा (बड़ा) होता है तो हमेशा बदलाव होता है।”
ईरानी ने कहा, “रिश्ते में बदलाव आता है और आदमी को लगता है कि अब उसकी जरूरत नहीं है। और यह उसे यह महसूस कराता है कि वह बूढ़ा हो रहा है और यह हताशा ‘द मेहता बॉयज’ में दिखती है।”
भाषा जितेंद्र पवनेश
पवनेश
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