वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को 78 वर्ष के हो गए। दो महीने बाद वह अमेरिका की बागडोर ऐसे समय संभालेंगे जब उनके समक्ष देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट, बेरोजगारी और नस्लीय अन्याय पर लगाम लगाने की चुनौती होगी। बाइडन को इन मुद्दों से निपटने के साथ ही अमेरिकियों को यह दिखाना भी होगा कि उम्र केवल एक संख्या है और वह पद की जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
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बाइडन देश के इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। इससे पहले सबसे अधिक उम्र के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन थे। उन्होंने 1989 में जब राष्ट्रपति पद छोड़ था तो उनकी आयु 77 वर्ष और 349 दिन थी।
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बाइडन यह यकीन दिलाने को उत्सुक होंगे कि उनमें सेवा का जोश है। रटगर्स विश्वविद्यालय के राजनीतिक विशेषज्ञ रॉस बेकर ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि वह और उनके कर्मी खुद को शुरुआत में ही उस स्थिति में रखें जिसमें वह अपनी मजबूती दिखा सकें। उन्हें अमेरिकियों को यह विश्वास दिलाना है कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से इस पद के लिए उपयुक्त हैं।’’
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राष्ट्रपति पद के चुनाव के पूरे अभियान के दौरान 74 वर्षीय ट्रंप ने इसको लेकर तर्क देने का कोई मौका नहीं चूका कि देश का नेतृत्व करने के लिए बाइडन में मानसिक तीक्ष्णता की कमी है। इसे लेकर बाइडन के समर्थक चिंतित भी हुए कि ट्रंप बाइडन के बारे में देश के लोगों में गलत संदेश दे रहे हैं।बाइडन के चिकित्सक डा. केविन ओ’कॉनर ने गत दिसम्बर में जारी एक चिकित्सकीय रिपोर्ट में उन्हें ‘‘पूरी तरह से स्वस्थ तथा राष्ट्रपति के कर्तव्यों को सफलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए फिट बताया था।’’
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