मेजबान होने के नाते हम द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव नहीं दे सकते: पाकिस्तान के मंत्री अहसान इकबाल |

मेजबान होने के नाते हम द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव नहीं दे सकते: पाकिस्तान के मंत्री अहसान इकबाल

मेजबान होने के नाते हम द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव नहीं दे सकते: पाकिस्तान के मंत्री अहसान इकबाल

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Modified Date: October 16, 2024 / 12:53 AM IST
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Published Date: October 16, 2024 12:53 am IST

(मानस प्रतिम भुइयां)

इस्लामाबाद, 15 अक्टूबर (भाषा) शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद इस्लामाबाद ने मंगलवार को कहा कि यह भारत को तय करना है कि वह सम्मेलन के दौरान पाकिस्तानी पक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक करना चाहता है या नहीं।

पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि एससीओ बैठक के मेजबान के रूप में पाकिस्तान मेहमानों की पसंद के अनुसार काम करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रस्ताव नहीं दे सकते। हमें मेहमानों के अनुसार काम करना होगा। अगर मेहमान द्विपक्षीय बैठक चाहते हैं, तो हमें निश्चित रूप से बहुत खुशी होगी।’’

इकबाल इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या पाकिस्तान भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखना चाहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मेजबान होने के नाते हम वास्तव में किसी पर यह दबाव नहीं डाल सकते कि वे द्विपक्षीय बैठक चाहते हैं या नहीं।’’ दोनों पक्षों ने पहले ही एससीओ सम्मेलन के दौरान जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया है।

इस बीच, पाकिस्तान के पूर्व अंतरिम प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ ने कहा कि पाकिस्तान में भारत के साथ अपने संबंधों में सुधार देखने की ‘‘गहरी इच्छा’’ है।

काकड़ ने कहा कि पाकिस्तान की सेना, राजनीतिक दल और देश के विभिन्न वर्ग दोनों देशों के बीच संबंधों में प्रगति चाहते हैं, लेकिन साथ ही जमीनी हकीकत का एहसास भी है। भारतीय मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि द्विपक्षीय संबंधों में कोई सफलता मिलने की कोई उम्मीद है।’’

यह पूछे जाने पर कि अगर पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है तो उसने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक का प्रस्ताव क्यों नहीं रखा, काकड़ ने कहा कि पाकिस्तानी प्रतिष्ठान को भी इस बात का डर है कि अगर वह ऐसा कदम उठाता है तो उसे विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर इस ध्रुवीकृत राजनीतिक माहौल में कोई भी एक इंच भी पीछे हटता है, तो उसके लिए नुकसानदेह हो सकता है।

काकड़ अगस्त 2023 से इस वर्ष मार्च तक पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री थे।

भाषा आशीष संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)