बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने सभी धर्मों के लोगों से देश के विकास के लिए काम करने का आग्रह किया |

बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने सभी धर्मों के लोगों से देश के विकास के लिए काम करने का आग्रह किया

बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने सभी धर्मों के लोगों से देश के विकास के लिए काम करने का आग्रह किया

:   Modified Date:  October 13, 2024 / 07:33 PM IST, Published Date : October 13, 2024/7:33 pm IST

ढाका, 13 अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने रविवार को सभी धर्मों के लोगों से देश को आगे ले जाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। हिंदू त्योहार दुर्गा पूजा देशभर में देवी दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।

देश को आगे ले जाने के लिए सामूहिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि धार्मिक मूल्यों का उपयोग राष्ट्र के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की खबर के अनुसार दुर्गा पूजा समारोह के मौके पर बंगभवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शहाबुद्दीन ने जाति या धर्म से परे सभी नागरिकों से एकजुट होकर एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

हिंदू समुदाय के सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी बांग्लादेशी हैं और एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारे देश में बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक के बीच भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है।’’

सरकारी समाचार एजेंसी ‘बीएसएस’ की खबर के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा कि बदलती परिस्थितियों में बांग्लादेश को विकसित, समृद्ध और भेदभाव रहित देश बनाने के लिए पूर्ण सहिष्णुता, आपसी विश्वास और सहयोग के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाली परंपराएं और संस्कृति दुर्गा पूजा में घुली-मिली हैं, जो न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि एक सामाजिक त्योहार भी है। सभी की सामूहिक भागीदारी ने इस त्योहार को सार्वभौमिक बना दिया है।’’

इस बीच, रविवार को देशभर के जलाशयों में देवी दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ दुर्गा पूजा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई।

ढाका में हजारों की संख्या में श्रद्धालु बुरीगंगा नदी के किनारे एकत्र हुए। पुलिस ने मूर्ति विसर्जन के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी।

पांच दिवसीय हिंदू धार्मिक उत्सव बुधवार को देवी दुर्गा के आह्वान के साथ शुरू हुआ, जिसे महा षष्ठी कहा जाता है।

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन

 

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