बांग्लादेश: अंतरिम सरकार हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ आईसीटी में मुकदमा चलाएगी |

बांग्लादेश: अंतरिम सरकार हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ आईसीटी में मुकदमा चलाएगी

बांग्लादेश: अंतरिम सरकार हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ आईसीटी में मुकदमा चलाएगी

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Modified Date: August 14, 2024 / 04:53 PM IST
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Published Date: August 14, 2024 4:53 pm IST

ढाका, 14 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को कहा कि वह शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हाल ही में हुए छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में मुकदमा चलाएगी।

बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के मुताबिक, अंतरिम सरकार के विधि सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा, ‘‘अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की जांच संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की निगरानी में कराने की तैयारी कर ली है। एक जुलाई से पांच अगस्त के बीच हुई हत्याओं की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में होगी।’’

पांच अगस्त को हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के आंदोलन से शुरू हुई हिंसा के तीन सप्ताह के दौरान मरने वालों की संख्या 560 हो गई है।

डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा, ‘‘ हमने गोलीबारी और हत्याओं की घटनाओं की जांच की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसमें मानवता के खिलाफ अपराध के तौर पर मुकदमा चलाने की गुंजाइश है। हम जुलाई-अगस्त में हुए नरसंहारों पर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण अधिनियम 1973 (जिसे 2009 और 2013 में संशोधित किया गया) के तहत मुकदमा चलाने के लिए काम कर रहे हैं। इस अधिनियम के तहत हत्याओं में शामिल सभी लोगों, उन्हें आदेश देने वालों और विभिन्न तरीकों से उनकी सहायता करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक जांच दल संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण निगरानी में काम करेगा और हत्या में शामिल निवर्तमान सरकार के किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

अंतरिम सरकार के विधि सलाहकार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जो मामले झूठे हैं और आंदोलन के दौरान लोगों को परेशान करने के लिए दर्ज किए गए थे, उन्हें कल तक वापस ले लिया जाएगा और शेष मामले 31 अगस्त तक वापस ले लिए जाएंगे।

भाषा रवि कांत रवि कांत मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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