ढाका, 25 मार्च (भाषा) बांग्लादेश ने मंगलवार को कहा कि वह अगले सप्ताह बैंकॉक में बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन के दौरान मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बैठक के अपने प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है।
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने यहां एक प्रेसवार्ता में मुख्य सलाहकार यूनुस की चीन और थाईलैंड की आगामी यात्राओं की रूपरेखा बताते हुए कहा, ‘‘हमारी ओर से हम बैठक के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अब हम भारत से सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’
इससे पहले ढाका ने भारत को एक पत्र भेजकर यूनुस और मोदी के बीच बैठक का प्रस्ताव रखा था। उक्त घटनाक्रम बांग्लादेश में पांच अगस्त, 2024 को सत्ता परिवर्तन के बाद तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के बीच हुआ था, जब बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना सत्ता से हट गई थीं और वस्तुत: भारत चली गई थीं।
मोदी और यूनुस बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड जा सकते हैं। बांग्लादेश ने कार्यक्रम के इतर दोनों नेताओं की मुलाकात का प्रस्ताव रखा है।
जशीम उद्दीन ने द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा “तनाव” को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही कहा कि अगर दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक होती है तो इसे दूर किया जा सकता है।
पिछले सप्ताह दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि उनके पास दोनों नेताओं के बीच किसी भी योजनाबद्ध बैठक के बारे में कोई अद्यतन जानकारी नहीं है।
यूनुस 2-4 अप्रैल को बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक में रहेंगे।
बैंकॉक यात्रा से पहले, यूनुस बुधवार से शुरू होने वाली तीन दिवसीय यात्रा पर चीन जाएंगे, जहां वे हैनान प्रांत में बोआओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे, जो स्विट्जरलैंड में विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन के लगभग समान एक व्यापारिक शिखर सम्मेलन है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूनुस अपनी यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिस दौरान सीमा पार तीस्ता नदी जलाशय मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
इससे पहले भारत ने हसीना शासन के दौरान इस परियोजना में चीनी भागीदारी के बारे में अपनी आपत्तियां व्यक्त की थीं।
बांग्लादेश के विदेश सचिव ने कहा, ‘‘इस यात्रा के एजेंडे में तीस्ता शामिल नहीं है। यह शीर्ष नेतृत्व की इच्छा का मामला है। हालांकि, जल प्रबंधन एजेंडे में है और संभावना है कि उन चर्चाओं के दौरान तीस्ता का मुद्दा भी उठेगा।’’
चीन ने पहले प्रस्तावित ‘तीस्ता नदी व्यापक प्रबंधन और पुनरुद्धार’ परियोजना के दायरे का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण किया था, जिसके बारे में माना जाता है कि यह बांग्लादेश के तत्कालीन हसीना शासन के निमंत्रण पर किया गया था। बाद में, हसीना ने कहा कि भारत इस परियोजना को आगे बढ़ा सकता है क्योंकि नदी दोनों पड़ोसियों द्वारा साझा की जाती है।
जशीम उद्दीन ने कहा कि यूनुस की चीन यात्रा के दौरान म्यांमा की आंतरिक स्थिति और रोहिंग्या मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा मानव संसाधन विकास, आर्थिक और तकनीकी सहयोग और मीडिया संपर्क बढ़ाने पर समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाने की भी उम्मीद है।
सैन्य सहयोग पर, बांग्लादेश के विदेश सचिव ने कहा कि सुरक्षा और संभावित खरीद पर सामान्य चर्चा होगी। एक सवाल के जवाब में, उन्होंने चीन को बांग्लादेश का करीबी मित्र बताया और कहा, ‘‘चीन भी बांग्लादेश को उसी तरह मानता है।’’
भाषा अमित रंजन
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