ऑस्टिन और डोंग के बीच बैठक में अमेरिका और चीन के बीच सैन्य संचार बहाली पर बनी सहमति |

ऑस्टिन और डोंग के बीच बैठक में अमेरिका और चीन के बीच सैन्य संचार बहाली पर बनी सहमति

ऑस्टिन और डोंग के बीच बैठक में अमेरिका और चीन के बीच सैन्य संचार बहाली पर बनी सहमति

:   Modified Date:  May 31, 2024 / 07:52 PM IST, Published Date : May 31, 2024/7:52 pm IST

सिंगापुर, 31 मई (एपी) अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष डोंग जून के साथ एक घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की।

दोनों देशों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच इन नेताओं की यह बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देश अपनी सेनाओं के बीच संचार फिर से बहाल करना चाहते हैं।

वर्ष 2022 में अमेरिका की तत्कालीन हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान की यात्रा करने के बाद अमेरिकी और चीनी सेनाओं के बीच संचार टूट गया था क्योंकि उस यात्रा से चीन नाराज हो गया था। उसके बाद यह दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ऑस्टिन और चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून के बीच बंद दरवाजे के पीछे आमने-सामने होने वाली पहली बैठक है।

यह एशिया के प्रमुख सुरक्षा सम्मेलन शांगरी-ला डिफेंस फोरम के इतर हुई जिसमें दुनिया भर के रक्षा अधिकारी, सरकारों के नेता और राजनयिक शामिल होते हैं। सप्ताहांत की यह वार्ता गाजा और यूक्रेन में युद्ध के बीच और ऐसे समय में हो रही है जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और चीन के बीच तनाव और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।

हाल के वर्षों में चीन अपनी नौसेना का तेजी से विस्तार कर रहा है और लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करने में लगातार आक्रामक होता जा रहा है। इसके कारण क्षेत्र के अन्य देशों, विशेष रूप से फिलीपीन और वियतनाम के साथ प्रत्यक्ष संघर्षों की संख्या में वृद्धि हुई है।

इस बीच, अमेरिका अपनी “स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत” अवधारणा को रेखांकित करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ क्षेत्र में सैन्य अभ्यास बढ़ा रहा है। इसका उद्देश्य ताइवान जलडमरूमध्य सहित विवादित जलक्षेत्र से नौवहन की स्वतंत्रता पर जोर देना है।

चीन ताइवान के लोकतांत्रिक स्वशासी द्वीप पर भी दावा करता है और उसने कहा है कि वह इसे लेने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं करेगा।

पेंटागन के प्रवक्ता मेजर जनरल पैट राइडर के अनुसार, ऑस्टिन शनिवार को सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं और उन्होंने अपनी वार्ता के दौरान डोंग के समक्ष अमेरिका के पक्ष को दोहराया।

राइडर ने कहा, “मंत्री ने स्पष्ट किया कि जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून अनुमति देता है अमेरिका सुरक्षित और जिम्मेदारी से उड़ान भरना, नौवहन और संचालन जारी रखेगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत गारंटीकृत समुद्री नौवहन की स्वतंत्रता के सम्मान के महत्व को रेखांकित किया, विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में।”

पिछले साल दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ क्षेत्रीय शत्रुता बढ़ने के बाद से, फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के प्रशासन ने कई एशियाई और पश्चिमी देशों के साथ नए सुरक्षा गठबंधन बनाने के लिए कदम उठाए हैं और 2014 के रक्षा समझौते के तहत फिलीपीन के अधिक ठिकानों में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की अनुमति दी है।

मार्कोस ने शुक्रवार को मुख्य भाषण के साथ अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित इस वर्ष के सम्मेलन की शुरुआत की।

इस सप्ताह, मार्कोस ने चीन द्वारा जारी किए गए एक नए कानून पर पहले ही चिंता व्यक्त की है, जो उसके तट रक्षक को ‘चीन के क्षेत्रीय जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले’ विदेशी जहाजों को जब्त करने और विदेशी चालक दल को 60 दिनों तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है। इसी कानून में 2021 के कानून का भी नया संदर्भ दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि यदि आवश्यक हो तो चीन के तट रक्षक विदेशी जहाजों पर गोलीबारी कर सकते हैं।

सिंगापुर प्रबंधन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर यूजीन टैन ने कहा कि चीनी अब फिलीपीन के जहाजों को नियमित रूप से बाधित कर रहे हैं, इसलिए चिंता है कि निम्न-स्तरीय टकराव से तनाव बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ये देश वास्तव में एक-दूसरे के साथ युद्ध करने की सोच रहे हैं, लेकिन इन झड़पों से जुड़ी चिंता यह है कि कभी-कभी जब आप गलत अनुमान लगाते हैं, तो चीजें तेजी से बिगड़ सकती हैं और बल प्रयोग की नौबत आ सकती है।’’

इस साल का सम्मेलन चीन द्वारा ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करने के ठीक एक हफ्ते बाद हुआ है। ताइवान की नयी सरकार बीजिंग के इस दावे को स्वीकार करने से इनकार करती है कि द्वीप चीन का हिस्सा है।

चीन ताइवान को एक विद्रोही प्रांत मानता है जिसे उसके नियंत्रण में होना चाहिए।

राइडर ने कहा कि ऑस्टिन ने डोंग के साथ अपनी बातचीत में दोहराया कि अमेरिका एक-चीन नीति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हाल के चीनी अभ्यासों के बारे में ‘चिंता व्यक्त की।’’

राइडर ने कहा कि ऑस्टिन ने डोंग से कहा कि चीन को ‘ताइवान के राजनीतिक परिवर्तन – जो एक सामान्य, नियमित लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है – को बलपूर्वक उपायों के बहाने के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए।’

चीन और अमेरिका धीरे-धीरे रक्षा संपर्क बहाल कर रहे हैं क्योंकि पेलोसी की ताइवान यात्रा के कारण उनके बीच संबंध टूट गए थे और ऑस्टिन और डोंग ने अप्रैल में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक-दूसरे से पहले ही बात कर चुके हैं।

राइडर ने कहा कि शुक्रवार को अपनी बैठक में, ऑस्टिन ने अमेरिकी और चीनी कमांडर के बीच सैन्य संचार के महत्व पर जोर दिया और कहा कि ‘दोनों पक्ष आने वाले महीनों में थिएटर कमांडर के बीच टेलीफोन पर बातचीत फिर से शुरू करेंगे।’

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इससे पता चलता है कि सैन्य संबंधों में गिरावट अब स्थिर हो गई है और प्रत्यक्ष संचार की बहाली एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, ‘दोनों सेनाओं के बीच संचार का उद्देश्य समझ को बढ़ाना, गलतफहमी को दूर करना, आपसी विश्वास को बढ़ाना और संबंधों में स्थिरता हासिल करना है।’

एपी अमित पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)