(फाकिर हसन)
जोहानिसबर्ग, 20 मार्च (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख हिंदू नेता और वकील अश्विन त्रिकमजी का बृहस्पतिवार को बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे।
त्रिकमजी दक्षिण अफ्रीकी हिंदू महासभा के अध्यक्ष और ‘1860 हेरिटेज सेंटर’ के बोर्ड निदेशक थे।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि उन्हें त्रिकमजी के निधन पर गहरा दुख हुआ है। रामफोसा ने कहा, ‘‘मैं हमारे देश की सेवा करने वाले इस असाधारण व्यक्ति के परिवार, मित्रों और सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
रामफोसा ने कहा कि गहरा आध्यात्मिक झुकाव रखने वाले त्रिकमजी ने दक्षिण अफ्रीका में विविध धार्मिक समुदायों के बीच सहिष्णुता और मेल-जोल की वकालत की थी।
उन्होंने याद किया कि रंगभेद युग में एक अश्वेत चेतना कार्यकर्ता के रूप में त्रिकमजी ने नेटाल इंडियन कांग्रेस के डरबन सेंट्रल घटक का नेतृत्व किया था, जिसकी स्थापना महात्मा गांधी ने नस्लीय भेदभाव और औपनिवेशिक उत्पीड़न से लड़ने के लिए की थी।
त्रिकमजी, मेल जोल को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त ‘नेशनल रिलिजिस लीडर्स फोरम’ के पहले अध्यक्ष थे।
वह दक्षिणी अफ्रीका के लिए अंतरराष्ट्रीय बार एसोसिएशन के महासचिव भी रहे थे और दक्षिण अफ्रीका के उच्च न्यायालय में कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने सॉकर फेडरेशन के परिषद सदस्य, नेशनल सॉकर लीग के अध्यक्ष, दक्षिण अफ्रीकी फुटबॉल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और संस्थापक सदस्य और एसएएफए अपील बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
त्रिकमजी तब पूरी दुनिया में चर्चा में आए जब उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के अंतिम संस्कार में संस्कृत श्लोकों का पाठ किया।
भाषा आशीष अविनाश
अविनाश
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