ओटावा, 26 मार्च (भाषा) कनाडा की लिबरल पार्टी ने भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य के पार्टी नेतृत्व के लिए चुनाव लड़ने के आवेदन को तथा उनके अपने ओटावा नेपियन निर्वाचन क्षेत्र में उनके नामांकन को भारत सरकार के साथ उनके कथित जुड़ाव के कारण रद्द कर दिया। बुधवार को मीडिया की एक खबर में यह कहा गया।
एक सूत्र का हवाला देते हुए, ‘ग्लोब एंड मेल’ दैनिक की खबर में कहा गया है कि जब कनाडा और भारत के रिश्तों में तनाव था, आर्य ने कनाडा सरकार को भारत की अपनी यात्रा के बारे में सूचित नहीं किया था।
उन्होंने पिछले साल अगस्त में भारत का दौरा किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
खबर में कहा गया कि लिबरल पार्टी ने कभी यह नहीं बताया कि उसने तीन बार के सांसद को पार्टी के हालिया नेतृत्व पद के मुकाबले से या नेपियन निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ने से क्यों रोका।
सूत्र का हवाला देते हुए खबर में कहा गया है कि कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने सरकार को आर्य के ‘‘ओटावा स्थित भारत उच्चायोग सहित भारत सरकार के साथ कथित करीबी संबंधों’’ के बारे में जानकारी दी थी।
आर्य ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह भारत के प्रभाव में हैं। उन्होंने अखबार को दिए एक बयान में कहा, ‘‘एक सांसद के तौर पर मेरा कनाडा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई राजनयिकों और सरकार प्रमुखों से संपर्क रहा है। मैंने एक बार भी ऐसा करने के लिए सरकार से अनुमति नहीं मांगी है, और न ही मुझे इसकी आवश्यकता पड़ी है।’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो या किसी भी कैबिनेट मंत्री ने कभी भी उनकी मुलाकातों या सार्वजनिक बयानों पर चिंता नहीं जताई।
आर्य ने बयान में कहा, ‘‘लिबरल पार्टी के साथ विवाद का एकमात्र मुद्दा हिंदू कनाडाई लोगों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी मुखर वकालत और खालिस्तानी चरमपंथ के खिलाफ मेरा दृढ़ रुख रहा है।’’
आम चुनाव के लिए मतदान 28 अप्रैल को होगा।
पिछले सप्ताह आर्य ने लिबरल पार्टी का एक पत्र जारी किया जिसमें उन्हें सूचित किया गया कि पार्टी ने नेपियन से उनके नामांकन को अस्वीकार करने का निर्णय लिया है।
भाषा आशीष रंजन
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