अमेरिका ने माना भारत के साथ एशियाई देशों को चीन से खतरा, अब तैनात करेगा अपनी सेना | America's big statement, Asian countries face threat from China

अमेरिका ने माना भारत के साथ एशियाई देशों को चीन से खतरा, अब तैनात करेगा अपनी सेना

अमेरिका ने माना भारत के साथ एशियाई देशों को चीन से खतरा, अब तैनात करेगा अपनी सेना

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 PM IST
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Published Date: June 27, 2020 6:29 am IST

वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा है कि भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे चीन के कारण उनका देश यूरोप से अपनी सेनाएं कम करके अन्य जगहों पर तैनात कर रहा है। पोंपियो ने ब्रसेल्स फोरम में अपने एक वर्चुअल संबोधन के दौरान एक सवाल के जवाब में ये बात कही। पोंपियो की टिप्पणी भारत और चीन के बीच जारी तनाव के संदर्भ में बेहद अहम मानी जा रही है।

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पोंपियो ने आगे कहा कि अमेरिका चीन से भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलिपींस जैसे एशियाई देशों के समक्ष उत्पन्न खतरे को देखते हुए और उसका उचित तरीके से मुकाबला करने के लिए अपनी सेना की वैश्विक तैनाती की समीक्षा कर रहा है।

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पोम्पियो ने ये बात गुरुवार को जर्मन मार्शल फंड के वर्चुअल ब्रसेल्स फोरम 2020 के दौरान एक सवाल के जवाब में कही। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने जा रहे है कि हम चीन की सेना का उचित तरीके से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।

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उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निर्देश पर सेना की तैनाती की समीक्षा की जा रही है, जिसके तहत अमेरिका जर्मनी से लगभग 52000 सैनिकों में से 25000 सैनिकों को हटा रहा है। उन्होंने कहा कि सैनिकों की तैनाती जमीनी हकीकत के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “कुछ जगहों पर यह तैनाती अमेरिका संसाधनों के अनुकूल होगी। वहीं अन्य जगहों पर भारत, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, दक्षिण चीन सारगर की चुनौतियों तथा फिलिपींस के समक्ष चीन से उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए होगी।”

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पोम्पियो ने कहा, “ऐसा हो सकता है कि अमेरिका ने जो कुछ करने का फैसला किया है, उससे किसी स्थान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े, ऐसा भी हो सकता है कि अन्य राष्ट्रों को अपने बचाव की जिम्मेदारी खुद और कुछ इस तरह लेनी पड़े जो पहले कभी नहीं ली गयी। इसलिए, हम दुनिया भर में अपने सभी सहयोगियों और विशेष रूप से अपने यूरोपीय मित्रों से पूरा परामर्श करना चाहते हैं। “