तेहरान: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत के आसपास पोतों पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘‘गंभीर चिंता’’ का विषय बताते हुए सोमवार को कहा कि ऐसे खतरों का भारत की ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है।
जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान के साथ व्यापक वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा, ‘‘हाल में हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के लिए खतरे काफी बढ़ रहे है।’’
उन्होंने इजराइल-हमास संघर्ष के बीच ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा सबसे व्यस्त व्यापार मार्गों में शामिल लाल सागर में वाणिज्यिक पोतों को निशाना बनाने के स्पष्ट संदर्भ में इस बात पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे से ‘‘तत्काल निपटा’’ जाए।
यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर अमेरिका के पहले के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है। बल्कि, हो इसका उल्टा रहा है अमेरिका-ब्रिटेन की एयरस्ट्राइक के बाद अब हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी जहाज को लाल सागर में निशाना बनाया है। अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने हूती विद्रोहियों के हमले किी पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका के ड्राई बल्क जहाज ‘जिब्राल्टर ईगल’ पर एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया गया है। हालांकि, अच्छी बात ये रही कि किसी तरह की कोई हानि नहीं हुई।
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