ढाकाः All shops will remain closed सरकारी नौकरियों में आरक्षण के प्रावधान में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। अब यह प्रदर्शन हिंसक हो गया है। इस प्रदर्शन में 4 छात्रों के साथ कुल 6 लोगों की मौत हो गई है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने गुरुवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा है कि अस्पताल और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे और केवल एम्बुलेंस सेवाओं को ही संचालित करने की अनुमति होगी। इधर, सरकार और प्रशासन की टीम भी सक्रिय हो गई है। देश के स्कूल-कॉलेजों को अनिश्चिकाल के लिए बंद कर दिया गय़ा है।
देशव्यापी बंद को लेकर आंदोलन के प्रमुख समन्वयक आसिफ महमूद ने सोशल मीडिया ‘फेसबुक’ पर पोस्ट में कहा कि बृहस्पतिवार को अस्पताल और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे और केवल एम्बुलेंस सेवाओं को ही संचालित करने की अनुमति होगी।
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All shops will remain closed छात्र तब सड़क पर उतर आए जब हाई कोर्ट ने 5 जून को सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने वाले 2018 के सरकारी परिपत्र को अवैध घोषित कर दिया। हालांकि 10 जुलाई को देश के सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर यथास्थिति कायम रखने का आदेश जारी किया था। मौजूदा आरक्षण प्रणाली के तहत देश में सरकारी नौकरियों के लिए 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (Liberation War) के नायकों के संतानों और फिर उनके पौत्र-पौत्रियों के लिए 30%, प्रशासनिक जिलों के लिए 10%, महिलाओं के लिए 10%, जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए 5% और दिव्यांगों के लिए 1% सीट आरक्षित है।
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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में लोगों के मारे जाने पर गहरा खेद जताया और कहा कि इस मामले में एक न्यायिक जांच समिति गठित की जाएगी। हसीना ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे देश की सर्वोच्च अदालत पर भरोसा बनाए रखें क्योंकि यह मुद्दा उसके पास लंबित है।उन्होंने एक अनिर्धारित राष्ट्रव्यापी संबोधन में कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे छात्रों को न्याय मिलेगा (सर्वोच्च न्यायालय में)। वे निराश नहीं होंगे।’ उन्होंने हत्याओं की न्यायिक जांच की घोषणा की और कहा, ‘मैं हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों की हर संभव सहायता करूंगी।’ हालांकि, हसीना ने हिंसा भड़काने के लिए कुछ निहित स्वार्थी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि प्रदर्शनकारी छात्र आतंकवादी कृत्यों में शामिल नहीं थे। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे उपद्रवियों को स्थिति का फायदा उठाने का मौका न दें।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। हजारों छात्र सड़कों पर उतरकर आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं। आरक्षण के खिलाफ जारी इस प्रदर्शन ने अब हिंसक रूप ले लिया है। हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि ढाका सहित बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में स्कूल-कॉलेज और मदरसे बंद करने पड़े हैं।