नई दिल्ली। चीन हांगकांग के मुद्दे पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चीन पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए हांगकांग के लोगों को ब्रिटेन की नागरिकता देने की कोशिश की। इसपर चीन ने पलटवार करते हए कहा कि यूके को हांगकांग के लोगों को नागरिकता देने का कोई अधिकार नहीं। चीन ने कहा कि वो ब्रिटेन को हांगकांग के लोगों को नागरिकता नहीं देने देंगे और इसके लिए कड़े कदम उठाएंगे। चीन ने ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को अपने आंतरिक मामले में दखल न देने की बात की है।
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हांगकांग चीन के ‘वन नेशन टू सिस्टम’ का हिस्सा है जिसके तहत हांगकांग को कई मामलों में स्वायत्तता हासिल है। हालांकि, अब चीन नए सुरक्षा कानून के जरिए इस स्वायत्तता को छीनने की कोशिश कर रहा है। ब्रिटेन के उपनिवेश रहे हांगकांग को चीन को 1997 में सौंपा गया था। ब्रिटेन ने चीन से इस शहर को 2047 तक स्वायत्तता देने की गारंटी ली थी।
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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को कहा, हॉन्ग कॉन्ग की स्थिति बेहद चिंताजनक है और उनकी सरकार हॉन्ग कॉन्ग के नागरिकों का अपने देश में स्वागत करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। गुरुवार को ही अमेरिकी सांसदों ने नए सुरक्षा कानून के लिए जिम्मेदार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल पर सहमति दी। इसके साथ ही, हांगकांग में कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का दमन करने वाले पुलिस अधिकारियों को भी अमेरिका प्रतिबंधित करेगा।
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चौतरफा घिरे चीन ने अब धमकी देना शुरू कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया से कहा है कि वह सुरक्षा कानून को सही और वस्तुगत तरीके से देखे। चीन के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, हांगकांग समेत चीन के किसी भी आंतरिक मामले में दखल देना बंद करें और गलत रास्ते पर आगे बढ़ने से खुद को रोकें।
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ब्रिटेन ने भी हांगकांग के करीब साढ़े तीन लाख ब्रिटिश पासपोर्टधारकों और करीब 26 लाख अन्य लोगों के लिए ब्रिटेन में पांच साल के लिए बसने का रास्ता खोल दिया है। छह साल पूरे होने पर वे ब्रिटेन की नागरिकता के लिए आवेदन भी कर सकते हैं।