एआई का मतलब ‘अमेरिका-इंडिया’ भावना भी है, जो दोनों देशों के रिश्तों को नयी ऊंचाई दे रही है : मोदी |

एआई का मतलब ‘अमेरिका-इंडिया’ भावना भी है, जो दोनों देशों के रिश्तों को नयी ऊंचाई दे रही है : मोदी

एआई का मतलब ‘अमेरिका-इंडिया’ भावना भी है, जो दोनों देशों के रिश्तों को नयी ऊंचाई दे रही है : मोदी

:   Modified Date:  September 22, 2024 / 10:45 PM IST, Published Date : September 22, 2024/10:45 pm IST

न्यूयॉर्क, 22 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया के लिए एआई का मतलब ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ है, लेकिन उनका मानना है कि एआई का मतलब ‘अमेरिका-इंडिया’ भावना भी है।

मोदी ने कहा कि यही ‘एआई’ भावना भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई ऊंचाई दे रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिजियम में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।

मोदी ने कहा, ‘‘कोई तमिल बोलता है, कोई तेलुगु, कोई मलयालम, कोई कन्नड़ तो कोई पंजाबी और कोई गुजराती या मराठी बोलता है, भाषा अनेक हैं लेकिन भाव एक है और वो भाव है – भारतीयता। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है। यही मूल्य हमें सहज रूप से विश्व-बंधु बनाते हैं।’’

उन्होंने प्रवासी भारतीयों की सराहना करते हुये कहा, ‘‘मैं हमेशा से आपके सामर्थ्य को, भारतीय समुदाय के सामर्थ्य को समझता रहा हूं। आप हमेशा से मेरे लिए भारत के सबसे मजबूत ‘ब्रैंड एंबेसेडर’ रहे हैं इसलिए मैं आपको ‘राष्ट्र दूत’ कहता हूं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम विविधता को समझते हैं, यह हमारे खून और संस्कृति में है। आपने भारत को अमेरिका से और अमेरिका को भारत से जोड़ा है। आपका कौशल, प्रतिभा और प्रतिबद्धता बेजोड़ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मुझे अपने आवास पर आमंत्रित किया, यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है।’’

मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र के उत्सव में एक साथ हैं।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी के न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड स्थित नासाउ कोलिजियम में पहुंचने से पहले कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।

मोदी शनिवार को क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए डेलवेयर के विलमिंगटन में थे।

प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क पहुंचने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘डेलवेयर में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद न्यूयॉर्क में उतरा। शहर में सामुदायिक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों के बीच जाने और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।’’

भाषा शफीक रंजन दिलीप

रंजन

 

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