कैनबरा, 10 अक्टूबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने कनाडा में संचालित खालिस्तानी अलगाववादी ताकतों से संबंधित मुद्दों को हमेशा उठाया है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया कि एक लोकतांत्रिक समाज में ‘‘हिंसा’’ और ‘‘कट्टरता’’ की वकालत करने वालों द्वारा स्वतंत्रता का दुरुपयोग ना किया जाए।
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ 13वीं ‘विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता’ (एफएमएफडी) के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि हालिया सप्ताह में कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ी हैं।
खालिस्तान संबंधी मुद्दे पर किए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ कनाडा सरकार के साथ हमने लगातार इस मुद्दे पर बात की है, मैंने (खालिस्तान के) मुद्दे पर अपने समकक्ष के साथ भी बातचीत की है। हमने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है कि एक लोकतांत्रिक समाज में हिंसा व कट्टरता की वकालत करने वालों द्वारा स्वतंत्रता का दुरुपयोग ना किया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह समझना जरूरी है कि लोकतंत्र को कैसे काम करना चाहिए….केवल अपने देश में नहीं बल्कि दूसरे देशों के लोकतंत्र के प्रति भी जिम्मेदारी को समझना चाहिए। ’’
भारत से कनाडा की यात्रा नहीं करने संबंधी यात्रा परामर्श के बारे में पूछे गए एक सवाल पर जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब हम एक यात्रा परामर्श जारी करते हैं… तब हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए ‘यात्रा मिशन’ के रूप में एक यात्रा परामर्श जारी करते हैं। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि यात्रा परामर्श में जो लिखा है उससे परे कोई और मतलब न निकालें। ’’
टोरंटो में 15 सितंबर को बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में ‘‘कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों’’ ने भारत विरोधी नारे लिख दिए थे। इसके बाद भारत ने कनाडा में अपने नागरिकों के खिलाफ बढ़ते घृणा अपराध के मामलों के मद्देनजर 23 सितंबर को एक परामर्श जारी किया था।
भाषा निहारिका मनीषा
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