दुनिया की नदियों के लिए 2023 गत तीन दशक में सबसे अधिक सूखा वर्ष रहा: संरा मौसम एजेंसी |

दुनिया की नदियों के लिए 2023 गत तीन दशक में सबसे अधिक सूखा वर्ष रहा: संरा मौसम एजेंसी

दुनिया की नदियों के लिए 2023 गत तीन दशक में सबसे अधिक सूखा वर्ष रहा: संरा मौसम एजेंसी

:   Modified Date:  October 7, 2024 / 05:25 PM IST, Published Date : October 7, 2024/5:25 pm IST

जिनेवा, सात अक्टूबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र मौसम एजेंसी ने सोमवार को बताया कि 2023 विश्व की नदियों के लिए तीन दशकों से अधिक समय में सबसे सूखा वर्ष रहा, क्योंकि रिकॉर्ड गर्मी की वजह से जल प्रवाह घट गया और कुछ स्थानों पर लंबे समय तक सूखे की स्थिति बनी रही।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कई देशों में स्थित ग्लेशियर को गत पांच दशक में भारी नुकसान हुआ है जो इन नदियों में जल के स्रोत हैं। संगठन ने चेतावनी दी कि बर्फ पिघलने से वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों के लिए दीर्घकालिक जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

डब्ल्यूएमओ की महासचिव सेलेस्टे साउलो ने सोमवार को रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘‘ हमें लगातार बढ़ती हुई अत्यधिक वर्षा, बाढ़ और सूखे के रूप में संकट के संकेत मिल रहे हैं, जो जीवन, पारिस्थितिकी तंत्र और अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान के कारण जल चक्र ‘‘अधिक अनिश्चित और अप्रत्याशित’’ हो गया है, जिससे सूखे और बाढ़ दोनों के माध्यम से ‘‘या तो बहुत अधिक या बहुत कम पानी’’ उपलब्ध हो सकता है।

मौसम एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र जल के आंकड़ों के हवाले से कहा कि करीब 3.6 अरब लोगों को साल में कम से कम एक महीने तक जल संकट का सामना करना पड़ता है और यह आंकड़ा 2050 तक बढ़कर पांच अरब तक पहुंचने की आशंका है।

साउलो ने कहा कि विश्व को 2023 में अब तक के सबसे गर्म वर्ष का सामना करना पड़ा और इस साल भी अबतक की सबसे भीषण गर्मी पड़ी जिससे 2024 में नया रिकॉर्ड बनने की आशंका है।

डब्ल्यूएमओ में जल विज्ञान, जल और हिममंडल के निदेशक स्टीफन उहलेनब्रूक ने कहा, ‘‘ इन (पिछले)33 साल के आंकड़ों के मुताबिक हमने अब तक दुनिया के इतने बड़े क्षेत्र में सूखे की स्थिति नहीं देखी थी।’’

विश्व मौसम संगठन ने जल संसाधनों की वास्तविक तस्वीर स्पष्ट करने तथा देशों और समुदायों को प्रतिक्रिया स्वरूप कार्रवाई करने में सहायता करने के लिए आंकड़ों को एकत्र करने और उन्हें साझा करने की व्यवस्था में सुधार का आह्वान किया।

रिपोर्ट में कहा गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका का दक्षिणी हिस्सा, मध्य अमेरिका और दक्षिणी अमेरिकी देश जैसे अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू और उरुग्वे में वृहद पैमाने पर सूखे की स्थिति रही। पेरु एवं बोलिविया की सीमा पर अवस्थित अमेजन और लेक टिटीकाका में न्यूनतम जलस्तर दर्ज किया गया।

एपी धीरज नरेश

नरेश

 

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