अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में मानव के रुकने के 20 साल सोमवार को होंगे पूरे | 20 years of human stay at International Space Center to be completed on Monday

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में मानव के रुकने के 20 साल सोमवार को होंगे पूरे

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में मानव के रुकने के 20 साल सोमवार को होंगे पूरे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : October 31, 2020/3:21 pm IST

केप कैनेवरेल (अमेरिका), 31 अक्टूबर (एपी) अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) गत दो दशक से पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा है और सोमवार को इसमें मनुष्यों के ठहरने के 20 साल पूरे होंगे। हालांकि, इस केंद्र पर पहुंचने के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों के दल ने दो दिन पहले 31 अक्टूबर 2000 को ही उड़ान भरी थी।

इस केंद्र की जब स्थापना हुई और पहली बार अंतरिक्ष यात्री इसमें रहने गए तब वहां तंग,नमी युक्त छोटे तीन कमरे थे। गत 20 साल और 241 यात्रियों का स्वागत करने वाले इस आईएसएस ने तब से कई बदलाव देखे हैं। अब यह टावर सा लगने वाला जटिल ढांचा बन गया है जिसमें तीन शौचालय, सोने के छह कम्पार्टमेंट और 12 कमरे हैं।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में अबतक 19 देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को रहने का मौका मिला है जिनमें मरम्मत कार्य की खातिर जाने वाले कई बार जाने वाले अंतरिक्ष यात्री और अपने खर्च पर पहुंचने वाले पर्यटक शामिल हैं।

आईएसएस पर सबसे पहले पहुंचने वालों में अमेरिका के बिल शेफर्ड और रूस के सर्जेइ क्रिक्लेव व यूरी गिडजेन्को थे जिन्होंने कजाखिस्तान से 31 अक्टूबर 2000 को यात्रा शुरू की थी और दो बाद यानी दो नवंबर 2000 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र का दरवाजा खोला था। जब वे आईएसएस के रूप में विज्ञान के नए युग की शुरुआत कर रहे थे, एकजुटता प्रकट करने के लिए वे एक दूसरे का हाथ थामे हुए थे।

शेफर्ड अमेरिकी नौसेना के सील कमांडर थे जिन्होंने स्टेशन कमांडर की भूमिका निभाई। तीनों शुरुआती अंतरिक्ष यात्रियों ने अपना अधिकतर समय आज के मुकाबले कहीं कठिन परिस्थितियों में उपकरणों को ठीक करने और उन्हें लगाने में खर्च किया।

क्रिक्लेव उन दिनों का याद करते हुए कहते हैं कि नए अंतरिक्ष केंद्र में मशीनों को लगाने और मरम्मत करने में घंटों का समय लगा, जबकि वहीं काम धरती पर मिनटों में हो जाता है।

अपने सहयात्री के साथ हाल में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा आयोजित चर्चा में शामिल शेफर्ड ने कहा, ‘‘प्रत्येक दिन अपने आप में चुनौती लेकर आती थी।’’

वर्ष 2000 के मुकाबले अंतरिक्ष केंद्र में बहुत बदलाव आए हैं और अब यह एक जटिल ढांचा है जिसका आकार फुटबॉल मैदान के बराबर है, इसमें 13 किलोमीटर लंबी बिजली के तार लगे हुए हैं, सौर पैनल का आकार करीब एक एकड़ है और इसमें तीन प्रयोगशालाएं हैं।

शेफर्ड ने कहा, ‘‘ यह 500 टन का ढांचा अंतरिक्ष में घूमता है जिसके अधिकतर हिस्से वहां पर एक साथ जोड़ने तक कभी साथ नहीं आए और आज 20 साल बाद भी इसमें कोई बड़ी समस्या नहीं आई है।’’

अंतरिक्ष केंद्र के पहले यात्रियों ने दो नवंबर 2002 को वहां पहुंचने के दिन को याद करते हुए कहा कि पहला काम हमने जो किया वह आईएसएस की बत्ती जलाना था, वह बहुत यादगार पल था, जिसके बाद हमने पीने के लिए पानी गर्म किया और शौचालय को चालू किया।

एपी धीरज अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)