तेहरान। Two judges killed in Iran : ईरान की राजधानी तेहरान में शनिवार को एक व्यक्ति ने दो प्रमुख कट्टरपंथी न्यायाधीशों की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इन दोनों न्यायाधीशों ने कथित रूप से 1988 में बड़ी संख्या में असंतुष्टों को मृत्युदंड का फैसला सुनाया था। अभी तक किसी भी संगठन ने न्यायाधीशों– मोहम्मद मोगीसेह और अली रजिनी पर गोलीबारी की जिम्मेदारी नहीं ली है।
Two judges killed in Iran : हालांकि, 1988 में बड़ी संख्या में मृत्युदंड का फैसला सुनाने को लेकर रजिनी को अतीत में भी निशाना बनाया गया था। वर्ष 1999 में उनकी हत्या की विफल कोशिश की गयी थी। देश में न्यायपालिका पर यह दुर्लभ हमला है। दोनों न्यायाधीशों की ऐसे समय में हत्या कर दी गयी है, जब ईरान आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है तथा इजराइल उसे निशाना बना रहा है और अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो रही है।
तेहरान में ‘पैलेस ऑफ जस्टिस’ में इस हमले में एक न्यायाधीश का अंगरक्षक भी घायल हो गया। ‘पैलेस ऑफ जस्टिस’ देश की न्यायपालिका का मुख्यालय है और वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होती है। ‘इरना’ के अनुसार बाद में हमलावर ने खुद को भी गोली मारकर अपनी जान दे दी।
ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने ईरानी सरकारी टेलीविजन को अलग से बताया कि हमलावर एक ‘घुसपैठिया’ था, जिससे पता चलता है कि वह उस न्यायालय में काम करता था, जहां हत्याएं हुईं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के विपरीत, ईरानी उच्चतम न्यायालय की देश भर में कई शाखाएँ हैं। यह ईरान का सर्वोच्च न्यायालय है और निचली अदालतों द्वारा सुनाए गए फ़ैसलों पर अपील सुन सकता है। रजिनी को पहले भी निशाना बनाया गया था। जनवरी 1999 में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उनके वाहन पर बम फेंका था, जिसमें वह घायल हो गए थे।
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ईरान में गोली मारकर दो न्यायाधीशों की हत्या की
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