सिंगापुर, 21 जुलाई (भाषा) कंबोडिया में साइबर अपराध धोखाधड़ी में फंसे चौदह भारतीय नागरिकों को बचा लिया गया है और उन्हें वापस भेजने के प्रयास जारी हैं। कंबोडिया स्थित भारतीय दूतावास ने यह जानकारी दी है।
भारतीय दूतावास ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि दूतावास ने अधिकारियों के साथ मिलकर 14 भारतीय नागरिकों को रिहा करवाया, कंबोडियाई पक्ष उनकी देखभाल कर रहा है।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह स्थित दूतावास ने कहा कि उसने साइबर अपराध में धकेलने वाली छलपूर्ण नौकरी की पेशकश के शिकार 650 से अधिक भारतीय नागरिकों को बचाने और वापस लाने में मदद की है।
इसने कहा कि दूतावास ने कंबोडियाई पुलिस को विशिष्ट सुराग मुहैया कराए, जिससे उन्हें बचाया जा सका। बचाए गए व्यक्तियों की देखभाल वर्तमान में कंबोडिया के सामाजिक मामलों, दिग्गजों और युवा पुनर्वास मंत्रालय के सहयोग से काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा की जा रही है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘दूतावास स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और कंबोडिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे देश में किसी भी नौकरी के प्रस्ताव के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दूतावास को दें।’
अप्रैल में कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने फर्जी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी को लेकर एक परामर्श जारी किया था।
इसमें कहा गया, ‘यह बात सामने आई है कि कंबोडिया में आकर्षक नौकरी के अवसरों के फर्जी वादों से लुभाए गए भारतीय नागरिक मानव तस्करों के जाल में फंस रहे हैं। इन भारतीय नागरिकों को ऑनलाइन वित्तीय घोटाले और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है।’
दूतावास ने रोजगार के लिए कंबोडिया जाने के इच्छुक भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे केवल अधिकृत एजेंट के माध्यम से ही ऐसा करें। उसने नौकरी चाहने वालों को संभावित नियोक्ता की पृष्ठभूमि की अच्छी तरह से जांच करने की भी सलाह दी है।
भाषा
शुभम वैभव
वैभव
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