छिंदवाड़ा (मप्र), 13 जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सीआरपीएफ जवान कबीर दास उइके का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश में उनके गांव में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे के बीच किया गया।
राज्य के छिंदवाड़ा जिले के पुलपुलदोह गांव में सैकड़ों लोगों ने नम आंखों के साथ इन योद्धा को अंतिम विदाई दी।
जब उइके के पार्थिव शरीर को आदिवासी समुदाय के रीति-रिवाजों के अनुसार कब्र में दफनाया गया तो शोकसभा में शामिल लोगों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया और तिरंगे में लिपटा 35 वर्षीय बहादुर का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिया।
अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के अनुसार, सीआरपीएफ की उप महानिरीक्षक नीतू सिंह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाईं और शहीद जवान की पत्नी को सांत्वना देते हुए रो पड़ीं। शोक व्यक्त करने वालों में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक सुखबीर सिंह सोढ़ी भी शामिल थे।
इससे पहले, उइके का पार्थिव शरीर उनके गांव लाते समय सैकड़ों लोग सड़कों पर खड़े थे और रास्ते में पड़ने वाली इमारतों की छतों पर शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़े थे। उनमें से कई ने ‘कबीर अमर रहे’ के नारे भी लगाए।
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके अंतिम संस्कार में शामिल हुईं। इस मौके पर छिंदवाड़ा से नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू भी मौजूद थे।
कबीर के परिवार के सदस्यों के अनुसार, उन्हें 16 जून को घर आना था और उनका भोपाल तबादला तय था। वह छुट्टी के बाद 25 मई को ड्यूटी पर लौटे थे। कबीर की शादी 2020 में हुई थी।
उन्होंने बताया कि मंगलवार देर रात पाकिस्तान की सीमा से लगे कठुआ जिले के सेडा सोहल गांव में आतंकवादियों के खिलाफ शुरू हुए 15 घंटे के अभियान के दौरान उइके के सीने और पैर के दाहिने हिस्से में चोट आई थी। बुधवार को उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया।
भाषा सं दिमो राजकुमार
राजकुमार
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