MP Politics: भोपाल। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी सरकार ने श्रीलंका में सीता मांदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी कर ली है। लेकिन अब श्रीलंका के सीता माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर एमपी में कांग्रेस और बीजेपी के बीच क्रेडिट लेने की कोशिश शुरू हो गई है। बरसों के इंतजार के बाद श्रीलंका में सीता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गयी है। श्रीलंका के नुवारा इलिया में सीता माता की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान नर्मदा जल से अभिषेक कर लौटे बीजेपी विधायक अजय विश्नोई का जोरदार स्वागत भी हुआ है। लेकिन कांग्रेस का दावा है कि श्रीलंका का सीता मंदिर कमलनाथ सरकार की देन है।
कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में धर्मस्व मंत्री रहे पीसी शर्मा के मुताबिक साल 2018 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने श्रीलंका में सीता माता का मंदिर बनाने का ऐलान किया था। धर्मस्व मंत्री के नाते पीसी शर्मा खुद अफसरों के डेलिगेशन के साथ श्रीलंका दौरे पर भी गए थे। मंदिर स्थल की लैंडस्केपिंग की गई थी। दोनों देशों के बीच श्रीलंका से सीधे भोपाल के लिए रेगुलर फ्लाइट चलाने पर भी सहमति बनी थी। लेकिन कांग्रेस के पहले साल 2011 में मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ने भी श्रीलंका में सीता मंदिर बनाने की घोषणा की थी।
श्रीलंका के नुवारा में भूमिपूजन भी किया था। वापस लौटकर आर्किट्रेक्चर्स से डिजाइन भी बनवाया। लेकिन श्रीलंका में आर्थिक तंगी के चलते मामला अटक गया। लेकिन अब श्रीलंका में भगवान राम, हनुमान के अलावा सीता माता का मंदिर बनकर तैयार हो चुका है और श्रेय लेने की सियासत शुरू हो चुकी है। जाहिर है मध्यप्रदेश में मठ मंदिरों के नाम पर बीजेपी कांग्रेस अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश मे है।
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MP Politics: कांग्रेस से एक कदम आगे निकलकर बीजेपी ये दावा कर रही है कि एमपी में राम वन पथ गमन कॉरिडोर से लेकर श्रीलंका के सीता माता मंदिर तक के सारे धर्म कर्म के काम बीजेपी सरकार के राज में ही मुमकिन हुए हैं। हालांकि कांग्रेस ने भी अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान हुए धार्मिक कामों के जरिए सियासी माइलेज लेने की भरसक कोशिश की है।
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