MP Madrasa News: भोपाल। विधानसभा में अनुच्छेद 30 को खत्म करने के लिए अशासकीय संकल्प लाया गया। अब ये अनुच्छेद 30 है क्या पहला ये जानना ज़रुरी है। इसमें समुदाय को ये अधिकार है कि अपनी मर्जी के शिक्षण संस्थान स्थापित करें। लेकिन अनुच्छेद 21 क में बच्चों का अधिकार है जिसमें 6 से 14 वर्ष के बच्चों को सार्वभौमिक शिक्षा का अधिकार ये हो गई कानूनी दांवपेंच जो आपको बताना ज़रुरी था। अब बात राजनीतिक जिस पर हम बहस करने जा रहा है। असल में कांग्रेस वाले कह रहे हैं अशासकीय संकल्प लाकर बीजेपी वाले ध्यान भटकाना चाहते हैं और बीजेपी वाले कह रहे हैं सबको समान शिक्षा का कानून होना चाहिए।
ये हैं कांग्रेस विधायक आतिफ अकील.. जो आगबबूला है। वो भी इतने कि सीधे कह रहे हैं कि सरकार को शर्म आना चाहिए। ये वायरस इनके दिमाग से जाना चाहिए। दरअसल आतिफ अकील ये तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बीजेपी बिधायक अभिलाष पांडेय के विधानसभा में मदरसे चलाने के अधिकार खत्म करने के अशासकीय संकल्प पर अब अभिलाष पांडेय विधानसभा में अनुच्छेद 30 को खत्म करने पर अशासकीय संकल्प क्यों लेकर आए गहैं।
देश और प्रदेश की सत्ता में काबिज बीजेपी भले ही इस तरह के मामलों को अपना अपना एजेंडे के रुप में न दर्शाती हो। लेकिन, अब जब मदरसों को चलाने के अधिकार को खत्म करने की अशासकीय संकल्प विधानसभा में लाया गया। उससे ये साफ हो गया है कि, बीजेपी कहीं न कहीं मदरसों के अधिकारों में कटौती करने की तैयारी कर रही है।
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MP Madrasa News: जाहिर है… बीजेपी विधायकों ने इस अशासकीय संकल्प का स्वागत किया साथ ही मदरसों पर जमकर निशाना साधा। जिसे कांग्रेस आड़े हाथों ले रही है और इसे मुद्दों से भटकाने का हथकंडा करार दे रही है। कहना गलत नहीं होगा विधानसभा के मानसून सत्र में अनुच्छेद 30 को खत्म करने के अशासकीय संकल्प से बीजेपी का एजेंडे सार्वजनिक हो गया है। लेकिन, ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि मदरसों को चलाने के अधिकार खत्म करने की सत्तापक्ष की तैयारी एमपी की सियासत में आगे क्या उबाल लाती है।
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