MP Politics: भोपाल। 24 की लड़ाई में बार-बार बीजेपी के पुराने एजेंडे उभर रहे हैं। हिंदू-मुस्लिम के साथ मंदिरों का मामला भी इसमें शामिल है। राम मंदिर के बाद अब काशी और मथुरा पर बीजेपी ने दांव लगाना शुरू कर दिया है। मंदिरों के बहाने ध्रुवीकरण का ये खेल क्या बीजेपी की मजबूरी बन गई है या विपक्ष के चौतरफा अटैक ने उसे एक बार फिर अपने कोर स्ट्रैटजी की ओर लौटने के लिए मजबूर किया है।
देश में तीसरी बार NDA की सरकार और नरेंद्र मोदी को फिर से PM बनाने के उद्देश्य से हवन कर रहे हैं। चौक मंडल के पदाधिकारियों ने शीतलदास की बगिया पहुंचकर भगवान श्रीराम की पूजन अर्चना की और हवन किया। इधर, एक तरफ जीत के लिए हवन हो रहा है तो दूसरी तरफ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा का एक बयान सुर्खियों में है। उन्होंने कहा कि, जब भाजपा को 300 सीटें मिलीं तो इसने अयोध्या में राम मंदिर बनाया और अगर इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 सीटें जीतने में सफल रही तो मथुरा में कृष्णजन्मभूमि स्थान पर और ज्ञानवापी मस्जिद की जगह बाबा विश्वनाथ मंदिर भी बनेगा।
MP Politics: इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी भी हिंदू-मुसलमान में फर्क नहीं किया है। इधर, हिंदू-मुसलमान की राजनीति वाले पीएम मोदी के बयान पर मध्य प्रदेश में बीजेपी कांग्रेस में ठन गई। 7 चरणों में होने वाले आम चुनाव का 4 चरण पूरे हो चुका है और चारों चरण में हुई कम वोटिंग प्रतिशत से कहीं न कहीं बीजेपी को कुछ संकेत तो जरूर मिले हैं। तो क्या इसलिए बीजेपी ने फिर अपनी ही सियासी पिच पर खेलने का मन बना लिया है।
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