Mandla Bulldozer Action Case: भोपाल। मंडला में गोमांस का कारोबार करने वालों पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। 11 लोगों पर FIR दर्ज हुई और उनके घरों पर बुलडोजर चला दिया गया और अब इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है। AIMIM प्रमुख ओवैसी ने आरोपियों के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि जो काम पहले भीड़ करती थी वो काम अब सरकार कर रही है। तो एमपी के सीएम ने भी तल्ख लहजे में जवाब दिया कि ये मध्यप्रदेश है, हैदराबाद नहीं..
मंडला में अवैध रूप से गोमांस का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई के बाद एमपी में सियासत गरमा गई है। दरअसल, मंडला के नैनपुर थाना क्षेत्र के भैंसवाही गांव में पुलिस ने शुक्रवार रात दबिश दी थी। पुलिस की इस कार्रवाई में बताया गया कि 11 घरों से 150 से ज्यादा जीवित गोवंश और भारी मात्रा में गोमांस, हड्डी, चर्बी सहित अन्य अवशेष मिले। जिसके बाद मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
बाकी आरोपी फरार हैं…पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की है और इसके बाद प्रशासन ने 11 आरोपियों के घरों को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया। इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरोपियों का पक्ष रखते हुए कहा कि जो काम पहले भीड़ करती थी वो काम अब सरकार कर रही है। मप्र सरकार ने कुछ मुसलमानों पर इल्ज़ाम लगाया कि उनके फ्रिज में बीफ था और 11 घरों पर बुलडोजर चला दिया।
Mandla Bulldozer Action Case: कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिन्हें मुसलमानों के वोट झोली भर के मिलते हैं। वो क्यों चुप हैं? हालांकि कांग्रेस ने मंडला में हुई कार्रवाई को जायज बताया है और ओवैसी को भी नसीहत दी है। तो बीजेपी ने कांग्रेस और ओवैसी दोनों को घेरा है। तो कुल मिलाकर मंडला में एक दर्जन घर ढहा दिए गए। बुलडोजर ने फिर अपने तरीके से न्याय किया। जिनके घर ढहे उन पर गौ तस्करी के आरोप थे। सिर्फ आरोप…न सुनवाई, न सम्मन, न सजा…सीधे आशियाने नेस्तानाबूत…और सवाल ये भी है कि क्या इस कार्रवाई को मजहबी एंगल देना उचित है?