CG Ki Baat: रायपुर। 24 का चुनाव याद रहेगा दलबदल के लिए… तकरीबन हर राज्य में नेताओं ने जमकर पाला बदला है। किसी ने चुनाव की घोषणा के साथ, तो किसी ने कैंडिडेट बनने के बाद, नाम वापसी के अंतिम दिन तक। अहम बात ये कि इसके लिए बाकायदा रणनीति बनाकर, जिम्मेदारियां देकर मिशन मोड में काम हुआ है। छत्तीसगढ़ की इससे अछूता नहीं रहा। बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओँ ने हाथ को छोड़, बीजेपी का दामन थाम लिया।
अब प्रदेश के ऐसे ही पूर्व कांग्रेसी नेताओं को हरियाणा में कांग्रेस कैंडिडेट कुमारी सैलजा के खिलाफ मोर्चा संभालने सिरसा भेजा गया है। जैसे ही प्रदेश के 11 पूर्व कांग्रेसियों ने सैलजा को वहां घेरा, गंभीर आरोप लगाए, तंज कसे… तो इधर, कुमारी सैलजा की ओर से उन सभी पूर्व कांग्रेसी नेताओं को नोटिस भेज दिया गया हैं। सवाल ये कि हरियाणा में हो रहे प्रचार पर रायपुर में बवाल क्यों?
छत्तीसगढ़ के 11 कांग्रेस नेताओं को बीजेपी ने हरियाणा में चुनाव प्रचार में झोंक दिया है। कभी कांग्रेस में कुमारी सैलजा के साथ काम करने वाले नेता उन्हीं के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करते नजर आए। इतना ही नहीं, सिरसा लोकसभा के कई विधानसभाओं में भी उनके खिलाफ प्रचार करते नजर आए। लेकिन पूर्व कांग्रेसियों ने जो आरोप कुमारी सैलजा पर लगाए, उससे जमकर बवाल मचा। बीजेपी नेताओं ने पीसी कर सैलजा पर तीन गंभीर आरोप लगाए।
विधानसभा चुनाव में तत्कालीन प्रभारी सैलजा पर पैसा लेकर टिकट वितरण करने का आरोप लगा। भूपेश सरकार में चल भ्रष्टाचार को सैलजा संरक्षण देती थीं। तीसरा आरोप प्रभारी होने के बावजूद कार्यकर्ताओं की सैलजा नहीं सुनती थी। इन आरोपों के बाद कुमारी सैलजा के करीबी अजय चौधरी ने सभी 11 नेताओं को मानहानि का नोटिस भेज दिया है। लेकिन नोटिस के बाद बवाल और भी तेज हो गया। वहीं प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री भाजपा नेताओं के समर्थन में खड़े नजर आए।
CG Ki Baat: इस पूरे मामले पर कांग्रेस बीजेपी टीम-11 पर जमकर हमलावर है। कुमारी सैलजा को उनके ही करीबी रहे नेताओं से घेरने की रणनीति हरियाणा में काफी सफल रही। यही वजह है कि भाजपा अब इन नेताओं को उन राज्यों में भी भेजने का मन बना रही है। जहां भूपेश बघेल या छत्तीसगढ़ के अन्य नेता प्रचार में जाएंगे। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस में रहे नेताओं को कहां कहां प्रचार के लिए भेजा जाता है और उसका कितना लाभ भाजपा को मिल पाता है।