योगी ने शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में हाथी बचाव केंद्र की शुरुआत की |

योगी ने शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में हाथी बचाव केंद्र की शुरुआत की

योगी ने शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में हाथी बचाव केंद्र की शुरुआत की

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Modified Date: January 20, 2025 / 09:37 PM IST
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Published Date: January 20, 2025 9:37 pm IST

गोरखपुर, (उप्र) 20 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में हाथी बचाव केंद्र की शुरुआत की और तितली उद्यान का लोकार्पण तथा एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जानवरों के मन में भी संवेदना होती है। कोई उन्हें आत्मीयता दे, ठीक व्यवहार रखे तो वे आसानी से मनुष्य के पास आना चाहते हैं।’’

योगी ने कहा ‘‘प्रकृति-पर्यावरण, जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों के साथ हमारा व्यवहार संवेदनशील है तो हम संतुलन बनाए रख सकते हैं। यदि हम पर्यावरण के अनुकूल हैं तो पर्यावरण हमें उत्तम वातावरण देगा।’’

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि 121 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस प्राणि उद्यान में 350 से अधिक तरह के प्राणि (पशु-पक्षी आदि) हैं। योगी ने यहां पौधरोपण भी किया। हाथी-गैंडे (हर व गौरी) को गन्ना-केला, गुड़़-चना आदि भी खिलाया। एनपीए एकेडमी की विद्यार्थी कृतिका व वैष्णव ने मुख्यमंत्री को उनका चित्र भेंट किया।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि सात-आठ वर्ष के अंदर 100 करोड़ से अधिक पौधे लगाये गए हैं, इससे उत्तर प्रदेश का वनाच्छादन बढ़ा है और इसमें अनवरत वृद्धि भी हो रही है।

उन्होंने कहा कि कैंपियरगंज में जटायु संरक्षण केंद्र भी बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि जमीन जल्द उपलब्ध हो जाए तो बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय का ‘सेंटर इंस्टीट्यूशन व यूनिवर्सिटी’ के रूप में स्थापित किया जाए, क्योंकि यह आज की आवश्यकता है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नयी पीढ़ी को पर्यावरण का महत्व पता लगना चाहिए। पर्यावरण के लिए खतरनाक कारकों से परहेज किया जाना चाहिए, इससे वर्तमान व भावी पीढ़ी का भविष्य़ सुरक्षित है।’’

योगी ने अपील की कि एकल इस्तेमाल प्लास्टिक का उपयोग न करें, इससे पर्यावरण बचेगा। उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरण बचेगा तो वर्तमान व भविष्य़ भी उज्ज्वल होगा। आबादी के साथ मनुष्य की आवश्यकताएं भी बढ़ रही हैं।’’

उन्होंने आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हर व्यक्ति वर्ष में दस पेड़ लगाए। पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले उपायों से जुड़ें। बरसात के पानी के संरक्षण के लिए ‘रेन वॉटर हार्वेस्टिंग’ को बढ़ावा दें, जल की बर्बादी न हो।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर का प्राणि उद्यान का 27 मार्च 2021 को लोकार्पण हुआ था, तबसे अब तक 30 लाख से अधिक लोग यहां आये हैं। उन्होंने कहा कि इनमें 10 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं, यह प्राणि उद्यान पर्यावरण व मनोरंजन के लिए सहायक है।

बयान के अनुसार गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह ने हाथी बचाव केंद्र में गंगा प्रसाद नामक हाथी भेंट किया है।

मुख्यमंत्री योगी ने बहराइच से गोरखपुर चिड़ियाघर लाए गए भेड़िये का नामकरण भी किया। उन्होंने नर भेड़िये का नाम भैरव व मादा भेड़िये का भैरवी रखा। उन्होंने बताया कि बहराइच में छह भेड़ियों का झुंड था जिसने लगभग नौ-दस बच्चों पर हमला किया तथा उनमें से कुछ बच्चों की मौत भी हो गई थी। उन्होंने कहा कि उन भेड़ियों को पकड़कर यहां लाया गया था।

वहीं योगी ने पीलीभीत बाघ अभयारण्य से लाये गए बाघ का नाम केसरी रखा। बाघ को सोमवार को बाड़े में छोड़ दिया गया।

भाषा सं आनन्द संतोष अमित

अमित

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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