Swarved Mahamandir Dham: वाराणसी में दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर, जानें क्या है 'स्वर्वेद महामंदिर' की खासियत... | World largest meditation center in Varanasi

Swarved Mahamandir Dham: वाराणसी में दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर, जानें क्या है ‘स्वर्वेद महामंदिर’ की खासियत…

World largest meditation center in Varanasi: स्वर्वेद महामंदिर का आज सोमवार 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन कर दिया है।

Edited By :   Modified Date:  December 18, 2023 / 02:14 PM IST, Published Date : December 18, 2023/2:14 pm IST

World largest meditation center in Varanasi: वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बनाए गए स्वर्वेद महामंदिर का आज सोमवार 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन कर दिया है। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मंदिर का निर्माण जीआरसी तकनीक द्वारा किया गया है। स्वर्वेद महामंदिर को देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी माना जा रहा है। महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद् गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित है। ऐसा अद्भुत मंदिर इससे पहले दुनिया में किसी ने भी नहीं देखा होगा।

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पीएम मोदी भी इस मंदिर में हो गए मंत्रमुग्ध

इस मंदिर के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने बताया कि जब मैंने स्वर्वेद महामंदिर का दौरा किया तो मैं मंत्रमुग्ध हो गया। वेदों, उपनिषदों, रामायण, गीता और महाभारत की दिव्य शिक्षाओं को स्वर्वेद महामंदिर की दीवारों पर चित्रों के माध्यम से चित्रित किया गया है। वहीं उन्होंने आगे कहा कि इस पावन अवसर पर यहां 25 हज़ार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। मुझे खुशी और विश्वास है कि इस महायज्ञ की हर एक आहूति से विकसित भारत का संकल्प और सशक्त होगा। मंदिर से जुड़े संतों ने बताया कि तीन लाख वर्ग फीट में गुलाबी पत्थरों की नक्काशी के लिए 350 से ज्यादा शिल्पियों ने अपनी कलाकारी दिखाई। प्राचीन स्थापत्य कला के समन्वय से बने इस दिव्य आध्यात्मिक केंद्र की एक झलक पाने के लिए दुनिया के अनुयायी उत्सुक हैं।

यहां जानें दुनिया के सबसे बड़े स्वर्वेद मंदिर की खासियत

बता दें कि आज पीएम मोदी ने जिस स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन किया है, वो मंदिर सिर्फ भारत देश ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र का मंदिर है, जहां एक साथ करीब 20,000 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं। 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद और मकराना संगमरमर पर 3137 स्वर्वेद छंद उत्कीर्ण किया गया है। सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जीवन पर यांत्रिकी प्रस्तुति बनाई गई है, जिसमें सामाजिक कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन शामिल है। भारतीय विरासत की झलक दर्शाती जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर की संरचनाएं और मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट की गई है।

जानें-क्यों बनाया गया ये मंदिर?

स्वर्वेद मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है स्व: और वेद। स्व: का एक अर्थ है आत्मा और वेद का अर्थ है ज्ञान। स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा और वेद का दूसरा अर्थ है ज्ञान। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं।

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World largest meditation center in Varanasi: इस मंदिर में भगवान की नहीं बल्कि योग साधना की पूजा होती है यानी मेडिटेशन किया जाता है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर बनाया गया है, जिसमें बैठकर एक साथ 20 हजार लोग योग और ध्यान कर सकते हैं। मंदिर की दीवारों पर करीब चार हजार स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं और बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं।

स्वर्वेद महामंदिर की विशेषताएं

  • उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर 64 हजार वर्ग फीट में फैला हुआ है और सात मंजिला है।
  • इस मंदिर को बनाने में 20 साल का वक्त लगा और 100 करोड़ रुपए की लागत आई।
  • इस मंदिर की ऊंचाई 180 फीट है और इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है।
  • इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर एक साथ 20 हजार लोग योग और ध्यान कर सकते हैं। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर में से एक है।
  • इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां भगवान की नहीं बल्कि योग साधना की पूजा होती है।
  • इस मंदिर की खासियत है कि इसमें कमरे बने हुए नहीं हैं।
  • स्वर्वेद मंदिर की डिजाइन 9 कमल पर आधारित हैं। यह स्वर्वेद के सिद्धांत के अनुसार हैं। इसमें बड़े कमल में 125 पत्तियां हैं।
  • स्वर्वेद महामंदिर को हाइटेक लाइट्स से सजाया गया है।
  • मंदिर के अंदर 3137 स्वर्वेद के दोहे दीवारों पर लिखे हैं। यह स्वर्वेद ग्रंथ के मुताबिक ही हैं।
  • कैंपस में 100 फीट ऊंची सद्गुरुदेव की प्रतिमा स्थापित होगी।

 

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