काशी में मनाई जाने वाली देव दीपावती के लिए गाय के गोबर से महिलाएं बना रहीं दीये |

काशी में मनाई जाने वाली देव दीपावती के लिए गाय के गोबर से महिलाएं बना रहीं दीये

काशी में मनाई जाने वाली देव दीपावती के लिए गाय के गोबर से महिलाएं बना रहीं दीये

:   Modified Date:  November 10, 2024 / 08:32 PM IST, Published Date : November 10, 2024/8:32 pm IST

वाराणसी, (उप्र) 10 नवंबर, (भाषा) काशी में आगामी 15 नवंबर को मनाई जाने वाली देव दीपावली के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गाय के गोबर से दीये बना रही हैं। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त पवन सिंह ने बताया कि कुल सात स्वयं सहायता समूहों की 25 परिवारों की महिलाएं इस कार्य में जुटी हुई हैं और उनका लक्ष्य गोबर से 30,000 दीप तैयार करना है।

सिंह ने बताया कि ये महिलाएं पहले जहां देव दीपावली पर मुश्किल से 400-500 रुपये कमाती थीं, अब उन्हें इस कार्य के लिए लगभग 4,000 से 5,000 रुपये की आमदनी हो रही है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अब घर-घर जाकर दीपों की बिक्री नहीं करतीं, बल्कि उन्हें पहले से ही बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि काशी में 15 नवंबर को मनाई जाने वाली देव दीपावली में 12 लाख दीपों से गंगा नदी के घाट रोशन होंगे, जिसमें गाय के गोबर से बने दीप भी शामिल होंगे।

उनके मुताबिक, सरकार के इन प्रयासों से न केवल महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, बल्कि वे समाज में अपनी पहचान भी बना रही हैं।

सिंह ने बताया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्‍य सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को रोजगार और सशक्तिकरण के नए अवसर प्रदान किए हैं।

ग्राम अहरक की राधिका ने बताया कि पहले उन्हें दीपों को बेचने के लिए घर-घर जाना पड़ता था, लेकिन अब योगी सरकार के प्रयासों से उन्हें पहले से ही ऑर्डर मिल जाते हैं, जिससे उनकी आय में जबरदस्त वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनी हैं और अपने पैरों पर खड़ी हैं, जिसका सीधा लाभ उनके परिवारों को मिल रहा है।

भाषा सं आनन्द नोमान

नोमान

 

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