Vridha Pension Yojana Latest Update | Image Credit: IBC24
Vridha Pension Yojana Latest Update: अगर आप भी वृद्धा पेंशन योजना के लाभार्थी हैं या फिर आपके घर में कोई सदस्य इस योजना का लाभ ले रहा है तो उनके लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में गलत तरीके से वृद्धावस्था पेंशन लेने को लेकर शासन स्तर से पिछले दिनों सत्यापन करवाने का निर्देश दिया है। अब पूरे प्रदेश में सत्यापन कराने की योजना बना ली गई है। संबंधित कर्मचारी लाभार्थियों के घर जाकर इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
बता दें कि, अप्रैल महीने से इसकी शुरुआत की जाएगी। वहीं, मई-जून तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में लाभार्थियों को सत्यापन के लिए किसी भी तरह से विभाग, जनसेवा केंद्र और साइबर कैफे के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। संबंधित कर्मचारी ही लाभार्थियों के घर जाकर सत्यापन की प्रक्रिया पूरा करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।
बता दें कि समाज कल्याण विभाग की ओर से यूपी में वृद्धावस्था पेंशन योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत वर्तमान में यूपी के करीब 60 लाख बुजुर्गों को हर महीने एक हजार रुपये के हिसाब से पेंशन दी जा रही है। सरकार इस नई व्यवस्था को लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार के पास राशन कार्ड, फैमिली कार्ड और आधार कार्ड जैसे प्रमाण पहले से उपलब्ध हैं। इन्हीं के आधार पर पात्र बुजुर्गों की पहचान कर उन्हें पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इस प्रक्रिया से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि बुजुर्गों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे।
दरअसल, कुछ दिन पहले खुलासा हुआ कि, ITR भरने वाले भी वृद्धा पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं। इसका खुलासा प्रदेश में चल रही राशन कार्डों की जांच और उनके लाभार्थियों की सरकारी योजनाओं से करवाई जा रही मिलान से हुआ। शुरुआती जांच में पाया गया कि, प्रदेश में दो से ढाई हजार ऐसे लाभार्थी हैं, जो वृद्धावस्था पेंशन भी ले रहे हैं और आईटीआर फाइल कर रहे हैं। इनमें कई आयकर दे रहे हैं।
समाज कल्याण के अनुसार, 2025- 26 के बजट में 5 लाख और लाभार्थी जोड़े गए हैं। पेंशन तिमाही लाभार्थी के बैंक खातों में पहुंचती है। नियमानुसार, यूपी में गरीबी की रेखा के नीचे वाले उन परिवारों के उन बुजुर्गों को पेंशन का लाभ दिया जाता है, जिनकी उम्र 60 साल या उससे अधिक हो। इतना ही नहीं, पेंशन के मानक में उनकी सालाना आय का भी निर्धारण किया गया है। योजना का लाभार्थी अगर शहरी क्षेत्र का है, तो उसकी अधिकतम सालाना आय 56,460 रुपए होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थी की सालाना आय नियमों में 46,080 रुपए तय की गई है।