लखनऊ, 24 जनवरी (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के 76वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए देश में अवैध शरणार्थियों की मौजूदगी पर चिंता जताई और राष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया।
धनखड़ ने युवाओं से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ खड़े होने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “भारत में करोड़ों अवैध शरणार्थी हैं, जो हमारे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और रोजगार क्षेत्रों के लिए गंभीर चुनौतियां पेश करते हैं।”
उपराष्ट्रपति ने कहा, “यह गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि वे अब चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने की कोशिश भी कर रहे हैं। दुनिया भर में विकसित देश ऐसे मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं और भारत को भी अपनी स्थिरता एवं गरिमा के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “भारत को कमजोर करने और राष्ट्र-विरोधी तत्वों से हाथ मिलाने वाली ताकतों से लड़ना और उन्हें बेअसर करना जरूरी है। युवाओं को ऐसे खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए अपनी अपार शक्ति का इस्तेमाल करना चाहिए।”
भारत के विकास में उत्तर प्रदेश के योगदान पर प्रकाश डालते हुए धनखड़ ने कहा, “एक समय आर्थिक रूप से पिछड़ा उत्तर प्रदेश, अब भारत की अर्थव्यवस्था में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह निकट भविष्य में शीर्ष स्थान हासिल करेगा और उद्यमियों के प्रदेश के रूप में उभरेगा।”
उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ आह्वान का जिक्र करते हुए कहा, “राज्य में स्थानीय व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। मैंने नोएडा और अन्य क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान इसकी जीवंत उद्यमशीलता की भावना देखी है।”
धनखड़ ने आयात घटाने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह देखना दुखद है कि भारत मोमबत्तियां, फर्नीचर, कालीन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे सामान आयात कर रहा है, जिन्हें आसानी से स्थानीय स्तर पर बनाया जा सकता है। जब स्थानीय विकल्प उपलब्ध हों, तो हर भारतीय को विदेशी उत्पादों से बचने का संकल्प लेना चाहिए। इससे हमारा विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा, रोजगार पैदा होंगे और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।”
मूल्य संवर्धन के महत्व पर जोर देते हुए धनखड़ ने कहा, “कच्चे माल का निर्यात हमारे उत्पादों में मूल्य जोड़ने में हमारी अक्षमता को दर्शाता है। उद्यमियों और व्यापार संघों को मूल्य शृंखला में सुधार लाने और अनावश्यक आयात पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।”
उपराष्ट्रपति ने विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, लेकिन उनका ध्यान सरकारी नौकरियों से परे जाने की जरूरत है। क्रांतिकारी बदलावों के लिए उद्यमशील मानसिकता की जरूरत होती है।”
धनखड़ ने नागरिकों से राष्ट्रीय हित को हर चीज से ऊपर रखने का आग्रह किया। लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
भाषा
किशोर जफर पारुल
पारुल
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)