उत्तर प्रदेश : दुर्घटना में पैर गंवाने वाले सभाजीत की फिर से खड़े होने की 'उम्मीद' धराशायी |

उत्तर प्रदेश : दुर्घटना में पैर गंवाने वाले सभाजीत की फिर से खड़े होने की ‘उम्मीद’ धराशायी

उत्तर प्रदेश : दुर्घटना में पैर गंवाने वाले सभाजीत की फिर से खड़े होने की 'उम्मीद' धराशायी

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Modified Date: October 4, 2024 / 06:40 PM IST
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Published Date: October 4, 2024 6:40 pm IST

लखनऊ/वाराणसी, चार अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में बृहस्पतिवार देर रात एक ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में अपना दायां पैर गंवाने वाले 26 वर्षीय सभाजीत के चलने की उम्मीदें उस वक्त टूट गयी, जब चिकित्सकों ने अंग जोड़ने और उसके वापस अपने पैरों पर खड़े होने की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया।

पुलिस के अनुसार, ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में 10 मजदूरों की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनंदन ने बताया कि दुर्घटना देर रात करीब एक बजे मिर्जापुर-वाराणसी सीमा पर कछवां और मिर्जामुराद के बीच जीटी रोड पर हुई।

अधिकारी ने बताया, ‘‘ट्रैक्टर-ट्रॉली में 13 मजदूर थे, जो भदोही जिले में निर्माण कार्य करके लौट रहे थे कि तभी उनके वाहन को एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी, जिससे चालक ने नियंत्रण खो दिया।’’

उन्होंने बताया कि हादसे में ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार 13 लोगों में से 10 की मौत हो गयी तथा तीन लोग घायल हो गये।

अधिकारी ने बताया कि घायलों को तुरंत ट्रॉमा सेंटर (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) वाराणसी भेजा गया, जहां उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है।’’

पुलिस ने बताया कि घायलों में शामिल सभाजीत की अपने ‘पैर’ पर खड़े होने की उम्मीद उस समय धराशायी हो गयी, जब चिकित्सकों ने ऐसी सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया।

सभाजीत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को पीछे से जोरदार टक्कर मारी। मैं ट्रैक्टर-ट्रॉली के बीच वाले हिस्से के पास बैठा था और जब टक्कर हुई, तो ऐसा लगा कि मैं दूर जा गिरा। मुझे नहीं पता कि मैं कहां गिरा। मेरे बगल में पड़ा हुआ व्यक्ति मर चुका था। जब मुझे होश आया, तो मैंने महसूस किया कि कोई मेरा हाथ पकड़कर खींच रहा है।”

सभाजीत का उपचार बीएचयू में किया जा रहा है।

उन्होंने बताया, “इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरा दाहिना पैर घुटने से कट गया है। मैंने और मेरे रिश्तेदारों ने चिकित्सकों से पूछा कि क्या इस अंग को फिर से जोड़ना संभव है और क्या इसे जोड़ा जा सकता है तो चिकित्सकों ने इस तरह की संभावनाओं को खारिज कर दिया।”

सभाजीत मुंबई से सात अगस्त को अपने घर वापस आया था और वर्तमान में वह मजदूर के रूप में काम कर रहा था।

वह भदोही जिले में निर्माण कार्य से लौट रहे 13 मजदूरों में से एक था।

सभाजीत की 20 वर्षीय बहन सरिता कुमारी ने बताया कि दुर्घटना में उनके भाई का एक पैर कट गया और उनकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है।

वहीं दूसरे घायल 18 वर्षीय आकाश कुमार के पिता ने बताया कि उनके बेटे को हाथ और सर में चोट लगी है। उसकी स्थित अब भी गंभीर बनी हुई है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आर्थिक मदद पर उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा कि हम लोग गरीब आदमी हैं।

आकाश के पिता ने बताया कि सरकार से आर्थिक सहयोग नहीं मिलता तो हम अपने बेटे का इलाज नहीं करा पाते।

उन्होंने कहा कि सरकार को सड़क सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाने चाहिए।

भाषा अरुणव सं आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)