उत्तर प्रदेश: सिविल सेवा अभ्यर्थी की इलाज के बाद मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच शुरू |

उत्तर प्रदेश: सिविल सेवा अभ्यर्थी की इलाज के बाद मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच शुरू

उत्तर प्रदेश: सिविल सेवा अभ्यर्थी की इलाज के बाद मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच शुरू

:   Modified Date:  November 13, 2024 / 08:00 PM IST, Published Date : November 13, 2024/8:00 pm IST

बहराइच, 13 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) में हाल ही में सिविल सेवा के एक अभ्यर्थी की इलाज के बाद मौत के मामले की मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गयी और अस्पताल के अधीक्षक को पद से हटा दिया गया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाये जाने के बाद जिलाधिकारी मोनिका रानी ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया था।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मृतक के परिजनों से बृहस्पतिवार को मुलाकात करेगा।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पयागपुर नगर पंचायत के रहने वाले प्रियांशु उर्फ अंकित जायसवाल (21) आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहा था।

सूत्रों ने बताया कि अंकित ने प्री परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी और वह दीपावली पर अपने घर आया था।

सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान तबियत खराब होने पर परिवार के लोग अंकित को पयागपुर स्थित सामुदायिक केन्द्र ले गये, जहां इलाज के दौरान हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल स्थानांतरित कर दिया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी।

सूत्रों ने बताया कि परिजनों ने स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक पर गलत इलाज के कारण युवक की मौत होने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लापरवाह चिकित्सक तथा स्वास्थ्य केन्द्र कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

जिलाधिकारी मोनिका रानी ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए और संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक को हटाकर जिला मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया।

नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल इस मामले की जांच कर रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि करीब 20-22 वर्षीय प्रियांशु उर्फ अंकित जायसवाल को तबीयत खराब होने पर गत दो नवम्बर को पयागपुर सीएचसी में लाया गया था।

उन्होंने बताया कि अंकित के परिजनों ने आरोप लगाया कि सीएचसी के अधीक्षक डॉ. थानेदार ने उन्हें अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में जाकर ड्रिप लगवाने के लिए भेजा था।

अधिकारी ने बताया कि परिजनों का आरोप है कि वहां उन्हें एक महिला मिली, जिसने वीगो लगाकर यह कहा कि आप लोग अपने घर जाएं वहीं पर ड्रिप लगा दी जाएगी।

परिजनों ने आरोप लगाया कि घर पर ड्रिप लगाने आये व्यक्ति ने गलत इलाज किया जिससे अंकित की तबीयत और बिगड़ गयी, जिसकी वजह से उसे दोबारा स्वास्थ्य केंद्र लाया गया लेकिन हालत बिगड़ने के कारण उसे मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल स्थानांतरित किया जा रहा था।

परिजनों ने बताया कि अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही अंकित की मौत हो गयी।

कुमार ने बताया कि युवक की मृत्यु दो नवम्बर को हुई थी और परिजनों ने उसका पोस्टमार्टम कराए बगैर अंतिम संस्कार कर दिया।

उन्होंने बताया कि परिजनों ने चार नवंबर को जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पांच नवम्बर को जिलाधिकारी द्वारा टीम गठित कर जांच शुरू करा दी गयी।

इस बीच, सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने एक बयान में कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा का एक प्रतिनिधिमंडल 14 नवंबर को बहराइच जाएगा और पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगा।

भाषा सं, सलीम जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)