लखनऊ, चार जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली जलाने के मामलों पर लगाम लगाने और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना की शुरुआत की है।
गोवंश खाद, गोवंशीय पशुओं के गोबर से बनी खाद है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह अभियान प्रदेश में किसानों की आय को बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एक बयान के मुताबिक, प्रदेश में हर वर्ष फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती थी, जिससे वायु प्रदूषण गंभीर रूप से प्रभावित होता है इसलिए इसे रोकने के लिए सरकार ने 28 अक्टूबर से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान शुरू किया।
अभियान के दौरान प्रदेश में 2.90 लाख कुंतल पराली एकत्रित की गई और किसानों को इसके बदले 1.55 लाख कुंतल गोवंश खाद वितरित की गई।
बयान में बताया गया कि इस खाद का उपयोग जैविक खेती और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा है।
अभियान के तहत प्रदेश के कई जिलों ने उत्कृष्ट कार्य किया, जिनमें वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच शामिल हैं।
बयान में बताया गया कि इन जिलों में किसानों ने बड़े पैमाने पर पराली जमा की और खाद का लाभ लिया।
बयान के मुताबिक, अभियान के माध्यम से पराली के बदले गोवंश खाद वितरण से निराश्रित गोवंश संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है।
बयान में बताया गया कि सरकार की यह पहल सिर्फ अस्थायी समाधान नहीं बल्कि पारदर्शी सोच को दर्शाता है।
बयान के मुताबिक, इतना ही नहीं इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, किसानों की उत्पादन लागत घटेगी और यह पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भाषा जफर जितेंद्र
जितेंद्र
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